प्रदेश के मौसम में एक बार फिर बदलाव का सिलसिला जारी हैं। मौसम में रोजाना हो रहे परिवर्तन के चलते कभी टेंपरेचर में वृद्धि से गर्मी महसूस होने लगी हैं, तो कभी तेज हवाएं और बेमौसम हो रही बारिश एवं बूंदाबांदी मौसम में थोड़ी ठंड़क जरूर बढ़ा रही है। MP मौसम विभाग के अनुसार मौजूदा समय में 4 वेदर सिस्टम सक्रिय है और 8 अप्रैल को भी एक नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने जा रहा है, जिससे मौसम की एक्टिविटीज में परिवर्तन आएगा और फिर बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। आज 4 जगहों पर गरज चमक के साथ बादल के छाए रहने के प्रबल आसार बने हुए है।
इंदौर और भोपाल समेत कुछ जिलों में दिनभर आसमान में बादलों का डेरा रहा। शाम को भोपाल में जबरदस्त बारिश हुई और कुछ इलाकों में ओले भी गिरे। वहीं, इंदौर में भी देर शाम को तेज बारिश हुई। इसी तरह की सूचनाएं सतना एवं अन्य जिलों से भी मिली। आंधी-तूफान के बीच बूंदाबांदी भी हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दो अलग-अलग लोकल सिस्टम बने हुए हैं।
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अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी मिल रही है। इस वजह से मध्यप्रदेश के ज्यादातर शहरों में बादलों का डेरा रहा। कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। भोपाल में शाम को 70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली और बारिश होने के साथ ही बेर के आकार के ओले भी गिरे। ग्रामीण क्षेत्रों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। शनिवार शाम साढ़े पांच बजे तक भोपाल में 4.4, मलाजखंड में 0.6, इंदौर में 0.3, गुना में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। ग्वालियर, सतना और मंडला समेत कुछ अन्य जिलों में बूंदाबांदी दर्ज हुई। रीवा, शहडोल संभाग के जिलों को छोड़कर लगभग सभी संभागों में इसी तरह की स्थिति रही।
इस बिगड़ते मौसम और बेमौसम बरसात की वजह से सबसे अधिक समस्याएं किसानों को झेलनी पड़ रही है। निरंतर बारिश की वजह से रबी की फसलों के अतिरिक्त आम के पेड़ों को भी काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। क्योंकि आम पर बौर लग गए हैं जो बारिश की वजह से खराब हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त गेंहू, चना, जौ की कटाई की जानी है जिस पर भी बारिश का असर देखने को मिल रहा है।