इंदौर संभाग के झाबुआ जिले में कलेक्टर नेहा मीना की पहल पर महिलाओं की भागीदारी से पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “मातृधरा अभियान (नारी शक्ति से प्रकृति को शक्ति)” प्रारम्भ हुआ हैं। सावन सोमवार के पावन अवसर पर “मातृधरा अभियान” अंतर्गत “नारी शक्ति से प्रकृति को शक्ति” थीम पर मंदिर प्रांगण में एक विशेष पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सावन सोमवार जैसे धार्मिक अवसर पर मंदिर प्रांगण में औषधीय एवं धार्मिक महत्व के पौधों का रोपण किया गया जो न केवल आस्था से जोड़ता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी सशक्त संदेश देता है। जिसमें महिलाओं द्वारा देवल के प्राचीन शिव मंदिर , मेघनगर नाका के परशुरामेश्वर मंदिर , ग्राम खांडियाखाल के शिव मंदिर परिसर जैसे विभिन्न मंदिर प्रांगण में पौधारोपण किया गया।
इस अवसर पर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिन्होंने तुलसी, बेलपत्र, आंवला, नीम, पीपल जैसे पौधों का रोपण कर आस्था और प्रकृति के समन्वय का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। पौधों का चयन विशेष रूप से उनके औषधीय गुणों और धार्मिक महत्ता को ध्यान में रखकर किया गया। कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि “मातृधरा अभियान” के अंतर्गत “नारी शक्ति से प्रकृति को शक्ति” के तहत सावन सोमवार के अवसर पर धार्मिक एवं औषधीय पौधों का रोपण का प्रकृति और समाज दोनों को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।
उन्होंने कहा कि औषधीय पौधों का रोपण आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देता है, धार्मिक स्थल में होने से अधिक संख्या में लोग प्रेरित होते हैं, नारी शक्ति की भागीदारी सामाजिक चेतना और सामूहिक जिम्मेदारी की मिसाल बनती है, प्रकृति संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों का संदेश जाता है। मंदिर परिसर में पौधों का रोपण कर यह संदेश भी दिया गया कि धार्मिक स्थलों को प्रकृति के संग जोड़ा जाए, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहे।
कार्यक्रम में विभिन्न महिला संगठनों जैसे श्री परशुरामेश्वर रामायण मंडल मेघनगर नाका, महाशक्ति महिला मंडल राणापुर, रानी लक्ष्मीबाई संकुल संगठन बामनिया, अमर ज्योति महिला संघ काकनवानी, थांदला ब्लॉक के खवासा में सीएलएफ समूह एवं बड़ी संख्या आजीविका मिशन की दीदियों के द्वारा पौधारोपण किया गया।