हनीट्रैप केस पर शिवसेना यूबीटी का सनसनीखेज दावा

हनीट्रैप केस : शिवसेना यूबीटी का कहना है कि 2022 में जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब उनकी सरकार को गिराने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश की गई। उनका आरोप है कि सरकार के विधायकों को हनी ट्रैप (फँसाने-फँसाने वाले जाल) में फंसाया गया। इस काम के लिए गुप्त कैमरों और पेगासस जैसे जासूसी टूल्स का इस्तेमाल किया गया। यह बयान शिवसेना यूबीटी ने अपने अखबार ‘सामना’ में मंगलवार को दिया। उनका दावा है कि इसी वजह से सरकार गिरी।

सामना संपादकीय में हनीट्रैप को लेकर बड़ा आरोप

सामना के संपादकीय के अनुसार, 2022 में महाविकास अघाड़ी सरकार के कई विधायक और सांसद, जिनमें शिवसेना और एनसीपी के नेता भी थे, केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में आकर भाजपा में शामिल हो गए। संपादकीय में दावा किया गया कि करीब 18 विधायक और 4 सांसदों को हनीट्रैप के जाल में फंसाया गया। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सांसदों और विधायकों को धमकाया और डरा-धमकाकर मजबूर किया गया। दावा किया गया कि इसके लिए छिपे हुए कैमरों और पेगासस जैसे अत्याधुनिक निगरानी साधनों का इस्तेमाल हुआ, जिसके परिणामस्वरूप सरकार का पतन हुआ

पेगासस जैसे सिस्टम से निगरानी और ब्लैकमेलिंग

पेगासस एक स्पाइवेयर है, जिसे इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है। इसका उपयोग मोबाइल की जासूसी के लिए किया जाता है। सामना अखबार के अनुसार, भाजपा के पास हनीट्रैप करने की व्यवस्था थी, और पुलिसकर्मी भी विपक्षी नेताओं की निगरानी कर रहे थे। जब शिवसेना के कुछ सांसदों और विधायकों की हनीट्रैप से जुड़ी पेन ड्राइव एकनाथ शिंदे को मिली, तब वे सूरत, गुवाहाटी और गोवा चले गए। यह पूरी घटना सस्पेंस थ्रिलर जैसी बताई गई है।

2022 में शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई एक गुट उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना यूबीटी बना और दूसरा गुट एकनाथ शिंदे के साथ रहा। शुरुआत में शिंदे के पास सिर्फ 9-10 विधायक ही थे। सामना का दावा है कि उस समय गृह विभाग और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सांसदों और विधायकों पर दबाव बनाया और उन्हें ब्लैकमेल किया गया।

संपादकीय में प्रस्ताव रखा गया है कि शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट, योगेश कदम, दादा भुसे और एनसीपी के सहयोगी माणिक कोकाटे को मंत्रिमंडल से हटाया जाए, क्योंकि कुछ को हनीट्रैप में फंसाया गया। सामना ने यह भी लिखा कि महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में जल्द बदलाव संभव हैं।