रात में मुंह सूखने की परेशानी को मेडिकल भाषा में ज़ेरोस्टोमिया कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब हमारे मुंह में लार बनना कम हो जाता है, जिससे मुंह में चिपचिपाहट, जलन और असहजता महसूस होने लगती है। सामान्यतः रात में शरीर की लार उत्पादन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, लेकिन यदि यह समस्या बार-बार हो रही है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी संकेत हो सकता है।
क्या हो सकते हैं इसके प्रमुख कारण?
मुंह सूखने की समस्या कई वजहों से हो सकती है। सबसे सामान्य कारणों में शरीर में पानी की कमी, मुंह खुला रखकर सोना, ज्यादा कॉफी या शराब का सेवन, और कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट शामिल हैं। इसके अलावा, हॉर्मोनल बदलाव, थायरॉयड की गड़बड़ी, या स्लीप एपनिया जैसी स्थितियां भी लार ग्रंथियों को प्रभावित कर सकती हैं। यदि आपको डायबिटीज है या आप ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन की दवाएं ले रहे हैं, तो यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
किन लक्षणों के साथ आती है यह परेशानी?
मुंह सूखने की समस्या के साथ कई अन्य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। जैसे:
- जीभ पर जलन या खुरदुरापन
- बोलने और निगलने में परेशानी
- होंठों का फटना और मुंह में बदबू
- स्वाद पहचानने की क्षमता में कमी
- गले में खराश और प्यास ज्यादा लगना
- बार-बार नींद से जाग जाना
इन लक्षणों का कारण लार की कमी है, जो सामान्यतः बैक्टीरिया को हटाने, दांतों को सड़न से बचाने और पाचन प्रक्रिया में मदद करती है।
यह संकेत दे सकता है इन बीमारियों का
अगर आपको बार-बार रात में मुंह सूखने की शिकायत हो रही है, तो यह कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है:
- डायबिटीज: शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से पानी की कमी होती है।
- थायरॉयड डिसऑर्डर: लार उत्पादन कम हो जाता है।
- स्लीप एपनिया: मुंह खुला रखकर सोने से सूखापन होता है।
- स्जोग्रेन सिंड्रोम: यह एक ऑटोइम्यून डिज़ीज है जिसमें लार ग्रंथियां कमजोर हो जाती हैं।
- इसके अलावा, लंबे समय तक एंटीहिस्टामिन, एंटीडिप्रेसेंट या हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
कैसे करें इस परेशानी से बचाव?
रात में मुंह सूखने की समस्या से बचने के लिए कुछ आसान आदतें अपनाई जा सकती हैं:
- दिनभर भरपूर मात्रा में पानी पिएं, शरीर को हाइड्रेट रखें।
- कैफीन और अल्कोहल का सेवन रात में करने से बचें।
- मुंह बंद करके सांस लेने की आदत डालें।
- सोने से पहले लार बढ़ाने वाले माउथवॉश या जेल का उपयोग करें।
- कमरे की हवा में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
- दांतों और मसूड़ों की नियमित सफाई जरूरी है।
- यदि समस्या बनी रहे, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।