MP Weather: मध्य प्रदेश में मानसून का असर एक बार फिर तेजी से देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने बुधवार को जबलपुर सहित 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अगले 24 घंटे में इन जिलों में साढ़े 4 इंच तक बारिश हो सकती है। ये जिले हैं — जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की संभावना भी जताई गई है।
बारिश के पीछे एक्टिव सिस्टम का बड़ा रोल
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, प्रदेश में इस समय मानसून ट्रफ लाइन और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय हैं। इन दोनों सिस्टमों के कारण मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह प्रणाली अगले चार दिनों तक सक्रिय रह सकती है, जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में कहीं भारी तो कहीं अति भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा।
मंगलवार की रात भी कई जिलों में हुई जोरदार बारिश
मंगलवार को दिनभर भोपाल में तेज धूप देखने को मिली, लेकिन शाम करीब 4 बजे मौसम अचानक बदला और शहर में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। इसके चलते सड़कों पर पानी भर गया और तापमान में गिरावट आई। इसके अलावा टीकमगढ़, नर्मदापुरम, सागर, इंदौर, छिंदवाड़ा, दमोह, उज्जैन, हरदा और शाजापुर जैसे जिलों में भी बारिश का अच्छा असर देखने को मिला। कई जगहों पर बारिश रातभर रुक-रुक कर चलती रही, जिससे फसलों को लाभ तो हुआ ही, साथ ही गर्मी से राहत भी मिली।
औसतन सामान्य से 53% ज्यादा हुई अब तक की बारिश
इस मानसूनी सीजन में मध्य प्रदेश में औसतन 21 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य के अनुसार अब तक 13.7 इंच बारिश अपेक्षित थी। यानी 7.3 इंच बारिश अतिरिक्त हो चुकी है, जो कि सामान्य से 53% अधिक है। कुछ जिले जैसे निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो बारिश का सालाना कोटा पूरा हो चुका है। यहां सामान्य से 15% अधिक बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया और छतरपुर जैसे जिलों में भी स्थिति अच्छी है, जहां 80% से 95% तक वर्षा हो चुकी है।
इंदौर और उज्जैन संभाग बारिश के मामले में सबसे पीछे
हालांकि पूरे प्रदेश में औसतन अच्छी बारिश हुई है, लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग अभी भी बारिश के लिहाज से पीछे हैं। इन क्षेत्रों के जिलों — इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा — में अब तक 10 इंच से भी कम वर्षा हुई है। इसका असर इन जिलों की फसलों और जल आपूर्ति पर पड़ सकता है यदि आगामी दिनों में पर्याप्त बारिश नहीं होती। प्रशासन ने इन क्षेत्रों के लिए भी लगातार निगरानी और जरूरत पड़ने पर जल प्रबंधन की योजना तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।