Nusrratt Bharuccha: बॉलीवुड अभिनेत्री नुसरत भरुचा ने हाल ही में फिल्म उद्योग में व्याप्त लैंगिक भेदभाव पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि कैसे पुरुष कलाकारों को एक सफल फिल्म के बाद तुरंत कई नए प्रोजेक्ट्स के ऑफर मिल जाते हैं, जबकि महिला कलाकारों को अपनी प्रतिभा साबित करने के बावजूद लगातार संघर्ष करना पड़ता है।
Nusrratt Bharuccha: सेट पर असमान व्यवहार का खुलासा
नुसरत ने पत्रकार नयनीप रक्षित के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि कैसे फिल्म सेट पर पुरुष और महिला कलाकारों के साथ अलग-अलग व्यवहार किया जाता है। उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जहां उन्हें अपने पुरुष सह-कलाकार के वैनिटी वैन का वॉशरूम इस्तेमाल करने के लिए अनुमति मांगनी पड़ी थी, क्योंकि उनकी वैनिटी वैन की सुविधाएं अपेक्षाकृत कम थीं। नुसरत ने कहा, “मैंने कई बार पूछा कि क्या मैं हीरो के वैनिटी वैन का वॉशरूम 5 मिनट के लिए इस्तेमाल कर सकती हूं, क्योंकि उनकी सुविधाएं मेरी तुलना में बेहतर थीं। लेकिन मैं उस समय शिकायत नहीं करती। मैंने खुद से वादा किया कि मैं अपने करियर में उस मुकाम तक पहुंचूंगी जहां मुझे ये सुविधाएं स्वतः मिलेंगी।”
Nusrratt Bharuccha: हिट फिल्म के बाद भी अवसरों की कमी
नुसरत ने अपने करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म ‘प्यार का पंचनामा’ (2011) के बाद के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि इस फिल्म की सफलता के बावजूद, उन्हें लगभग दो साल तक कोई काम नहीं मिला। उनकी मैनेजमेंट एजेंसी ने उन्हें छोड़ दिया, और वह उस समय अकेले ही अपने करियर को संभालने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने कहा, “जब मेरी फिल्म हिट हुई, लोग सोचते थे कि मैं चुनिंदा रोल कर रही हूं, लेकिन हकीकत यह थी कि मेरे पास कोई ऑफर ही नहीं थे। मैं एक कैफे में अकेले बैठकर रो रही थी, यह सोचकर कि एक हिट फिल्म देने के बाद भी मुझे और क्या करना होगा।”
नुसरत ने इस बात पर जोर दिया कि पुरुष कलाकारों को एक हिट फिल्म के बाद तुरंत कई प्रोजेक्ट्स के ऑफर मिल जाते हैं, चाहे वे इंडस्ट्री के अंदरूनी हों या बाहरी। लेकिन महिला कलाकारों को समान सफलता के बाद भी वैसी संभावनाएं नहीं मिलतीं।