जगदीप धनखड़ : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बिना सूचना के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचे और उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। प्रोटोकॉल का पालन न करते हुए, वह सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे। अधिकारियों ने राष्ट्रपति को इसकी सूचना दी और धनखड़ को करीब आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। मुलाकात के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को इस्तीफा दिया और तुरंत सोशल मीडिया के जरिए सबको इसकी जानकारी दी। इस्तीफा देने के बाद वह अपना सरकारी घर खाली करने निकल गए। उनके इस्तीफा देने के बाद, सरकार और उनके बीच बीते दिनों की सभी तनातनी और असहमति की घटनाएं बाहर आ रही हैं।
पिछले साल से चली आ रही है सरकार से असहजता की कहानी
सरकार और धनखड़ के बीच असहज स्थिति दिसंबर में शुरू हुई, जब धनखड़ ने किसान आंदोलन पर सरकार की नीतियों की सार्वजनिक रूप से आलोचना की। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने उन्होंने कहा कि मंत्री जी का हर पल अहम है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने किसानों से कोई वादा किया था, और अगर किया था तो उसे क्यों पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को छोटा समझना गलत होगा, क्योंकि बहुत सारे किसान भी चिंतित हैं।
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे छिपा रहस्य जारी
धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देने का कारण और उसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करने को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है। उनके निकटतम सूत्रों के अनुसार, उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते इस्तीफा दिया है। लेकिन इस्तीफे के बाद कई बातें होने लगीं। विपक्ष ने कहा कि सरकार ने दबाव बनाकर इस्तीफा कराया है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने 15 घंटे बाद सोशल मीडिया पर उनकी बेहतर सेहत की कामना की, ताकि यह सोच न बने कि उन्होंने दबाव में इस्तीफा दिया है।
लोकसभा में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, अब राज्यसभा के कार्यवाहक सभापति हरिवंश महाभियोग नोटिस पर फैसला करेंगे। लोकसभा में 152 सांसदों ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे सरकार लोकसभा में महाभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है। लेकिन विपक्ष अब क्या करेगा, ये देखना जरूरी होगा। अगर प्रक्रिया राज्यसभा में शुरू होती है, तो विपक्ष को इस मामले का पूरा श्रेय मिलेगा। यह आगे की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ होगा।