कीर्ति वर्धन सिंह : विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में लिखित जवाब दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक सैन्य अभियान था। यह अभियान पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के पहलगाम में हुए एक बर्बर हमले के जवाब में शुरू किया गया था। मंत्री ने बताया कि इसका मकसद पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी समूहों को खत्म करना था, जो भारत में घुसपैठ कर सकते थे। उन्होंने कहा कि भारत की इस कार्रवाई में संतुलन और संयम रखा गया और यह बिना किसी उकसावे के की गई। इस अभियान से सीमा की सुरक्षा मजबूत हुई।
पाकिस्तान के हमले का भारत ने किया जवाब, बाद में सीमा पर शांति बनी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत की कार्रवाई से गुस्साए पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नागरिक इलाकों पर भी हमला करने की कोशिश की। इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के हमलों का जोरदार जवाब दिया और उनकी सैन्य ताकत को भारी नुकसान पहुंचाया। मंत्री ने यह भी कहा कि इस कार्रवाई के बाद 10 मई 2025 को पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख ने भारत के सैन्य प्रमुख से संपर्क किया और गोलीबारी व सैन्य गतिविधियां बंद करने का अनुरोध किया। भारत ने उसी दिन इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।
सपा ने संसद में मांगी जानकारी, ऑपरेशन सिंदूर की वास्तविक स्थिति क्या है?
सपा ने संसद में लिखा सवाल पूछा कि क्या ऑपरेशन सिंदूर को अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण शुरू किया गया था। उन्होंने जानना चाहा कि इस बारे में असली स्थिति क्या है। सपा ने दूसरा सवाल भी पूछा कि जब हमारी सेना बड़ी सफलता हासिल कर रही थी, तब अचानक युद्धविराम की घोषणा का सेना के मनोबल पर क्या असर पड़ा। साथ ही पूछा कि क्या यह फैसला देश के लोगों की भावनाओं और सेना के हौसले के खिलाफ था। सपा ने इन सवालों के जवाब संसद में मांगे हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके।