शनिवार को इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। बैठक का उद्देश्य ट्रैफिक प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, ई-चालान की प्रभावशीलता और नियमों के कड़ाई से पालन को सुनिश्चित करना था।
ट्रैफिक सिग्नलों की संख्या बढ़ेगी
फिलहाल इंदौर के 39 प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं, लेकिन अब यह संख्या बढ़ाकर 100 करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जल्द ही टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। कलेक्टर ने पुराने और बार-बार खराब होने वाले सिग्नलों को हटाकर नवीनतम तकनीक से युक्त सिग्नल लगाने के निर्देश दिए। साथ ही, बिजली आपूर्ति के लिए सोलर एनर्जी और बैटरी बैकअप की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि सिग्नल हर परिस्थिति में काम करें।
वैज्ञानिक आधार पर तय होगी सिग्नल टाइमिंग
अब ट्रैफिक सिग्नलों की टाइमिंग को वैज्ञानिक तरीके से निर्धारित किया जाएगा। प्रत्येक चौराहे पर वाहनों के दबाव और ट्रैफिक फ्लो के अनुसार टाइमिंग सेट की जाएगी ताकि जाम की स्थिति में कमी लाई जा सके और वाहनों की आवाजाही सुचारू बनी रहे। इससे दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
लगातार नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई
बैठक में बताया गया कि जिन वाहनों पर 10 से अधिक बार ट्रैफिक नियम उल्लंघन के मामले दर्ज हैं, उनके रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जा चुके हैं और अब उन्हें जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। आगामी समय में यदि किसी वाहन पर 5 से अधिक उल्लंघन पाए जाते हैं, तो उसका भी रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
ई-चालान प्रणाली होगी और सुदृढ़
चालान वसूली प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली बनाया जाएगा। नए नियम के तहत ई-चालान की राशि अगला प्रमुख चौराहा पार करते समय वसूल की जाएगी। फिलहाल इसे एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो-तीन चौराहों पर लागू किया जाएगा और फिर शहरभर में विस्तार किया जाएगा।
ई-रिक्शा और अवैध बस स्टैंड पर सख्ती
राजबाड़ा क्षेत्र में ई-रिक्शा पर लगे प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। यातायात पुलिस को इसके लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अवैध बस स्टैंडों पर भी अगले 7 दिनों में विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी, ताकि सार्वजनिक स्थानों पर यातायात बाधित न हो।
बिना अनुमति स्पीड ब्रेकर बनाने पर सख्त कदम
सभी निर्माण एजेंसियों को कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि सड़क सुरक्षा समिति की अनुमति के बिना कोई भी स्पीड ब्रेकर न बनाया जाए। ऐसा करने पर संबंधित इंजीनियर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और आर्थिक अनियमितता मानते हुए भुगतान रोक दिया जाएगा।
ट्रैफिक पुलिस की सक्रिय भागीदारी जरूरी
बैठक में यह भी तय किया गया कि शहर के प्रत्येक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा लेफ्ट टर्न को सुधारने, चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स पर सुधारात्मक कार्यों में तेजी लाने और यातायात व्यवस्था को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने के लिए स्मार्ट सिटी और नगर निगम जैसी एजेंसियों को विशेषज्ञों की मदद लेने को कहा गया।