संजय शिरसाट ने बिना सूचना विभागीय बैठक पर जताई आपत्ति, महायुति में उभरे मतभेद

संजय शिरसाट:

महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में फिर से देखने को मिले हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) के मंत्री संजय शिरसाट ने भाजपा की राज्य मंत्री माधुरी मिसाल पर अधिकारियों के साथ बिना सूचना बैठक करने को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। शिरसाट का कहना है कि उन्हें जानकारी दिए बिना बैठक हुई। इस पर माधुरी मिसाल ने जवाब दिया कि यह उनका अधिकार है और वह आगे भी ऐसे ही बैठकें करती रहेंगी।

शिरसाट का विरोध पत्र

सप्ताह की शुरुआत में कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने राज्य मंत्री माधुरी मिसाल को पत्र लिखकर पूछा कि क्या वह आगे भी अधिकारियों के साथ ऐसी बैठकें करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में पदों की एक तय व्यवस्था है – राज्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री। इसलिए उन्होंने मिसाल से कहा कि ऐसी बैठकों की जानकारी दें। शिरसाट ने साफ किया कि कुछ फैसले ऐसे होते हैं जो न तो राज्य मंत्री और न ही उनके अधिकार में आते हैं।

माधुरी मिसाल ने दिया शिरसाट के आरोपों पर जवाब

माधुरी मिसाल ने बताया कि पिछले 7-8 महीनों से वे सामाजिक न्याय, शहरी विकास, परिवहन, चिकित्सा शिक्षा और अल्पसंख्यक विकास विभागों के अफसरों के साथ नियमित रूप से बैठकें कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वह राज्य मंत्री हैं और जनता के मुद्दों पर अधिकारियों और विधायकों से मिलना उनकी जिम्मेदारी है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी ऐसी बैठकें करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। मिसाल ने कहा कि यह काम जनता की समस्याओं को समझने और हल करने के लिए जरूरी है।

मतभेद की खबरों को शिरसाट ने किया खारिज

इस घटना के बाद संजय शिरसाट ने कहा कि उनके और महायुति के सहयोगियों के बीच कोई तनाव नहीं है। इस महीने की शुरुआत में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक कमरे में आधे खुले बैग के साथ बैठे थे। बैग में नोटों के बंडल दिख रहे थे, लेकिन शिरसाट ने इसे गलत बताया और कहा कि बैग में सिर्फ कपड़े थे। कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर शिरसाट ने कहा कि कांग्रेस हमेशा जाति की राजनीति करती है और अंग्रेजों जैसी सोच रखती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब भी ऐसी राजनीति करना चाहती है।