FIDE महिला विश्व कप में देश की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया और फिनॉले में अपने जगह बना ली, जिसके बाद अब फाइनल्स में दो भारतीय खिलाडी आमने सामने होंगे। इन दो खिलाड़ियों में एक तरफ अनुभवी खिलाड़ी हम्पी है, जो भारत की शानदार प्लेयर में से एक है, तो वही दूसरी और भारत की युवा खिलाडी दिव्या देशमुख है। चलिए दोनों प्लेयर्स के बारे में विस्तार से जानते है। दोनो ही खिलाडी कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख ने अपने चीनी प्रतिद्वंद्वियों को हराकर फाइनल में प्रवेश किया और खिताबी मुकाबले में जगह बनाई।
अनुभवी खिलाड़ियों में से एक है हम्पी
हम्पी 38 वर्षीय खिलाडी है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे की हम्पी 6 वर्ष की आयु से चैस खेल रही है , उन्होंने अपने अब तक के चैस करियर में कई सारे मैच खेले है। हम्पी के बारे कहा जाता है की वह शांत और धैर्यवान प्लेयर हैं। उन्होंने केवल 15 साल की उम्र में, में ग्रैंडमास्टर की उपाधी अपने नाम कर ली। इतना ही नहीं भारत सरकार ने हम्पी को अर्जुन पुरस्कार 2003 और पद्मश्री 2007 से नवाजा है। साथ ही उन्होंने 2019 और 2024 में दो बार महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप अपने नाम किया है ।
युवा प्लेयर दिव्या देशमुक
दिव्या देशमुक 19 वर्षीय युवा खिलाडी है। जिन्होंने 21 वीं महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर का ख़िताब अपने नाम किया। दिव्या ने 2022 के महिला भारतीय शतरंज चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया और जीत हासिल की । साथ ही 2022 मे शतरंज ओलंपियाड में कांस्य पदक जीता।
देश की बेटिया रचेगी इतिहास
अब चाहे हम्पी और दिव्या में से चैंपियन कोई भी बने लेकिन देश की बेटियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से इतिहास रच दिया है। इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय खिलाड़ी FIDE महिला विश्व कप का ख़िताब अपने नाम करेंगे।