इंदौर के खेड़ापति हनुमान मंदिर के विवाद पर कोर्ट ने दिया फैसला कहा ये जमीन ……..

इंदौर के खेड़ापति हनुमान मंदिर की विवादित जमीन पर अब कलेक्टर आशीष सिंह ने फैसला किया है। उन्होंने इस जमीन को सरकारी घोसित कर दिया है। दरअसल हालही में इंदौर के खेड़ापति हनुमान मंदिर से जुडा जमीनी मामला सामने आया था। जिसमे बताया गया था कि पिप्ल्याकुमार क्षेत्र स्थित मंदिर की 2.94 एकड़ जमीन, 11 विशेष वर्ग के लोगो को बेच दी गई थी। इस जमीन कि कीमत , 250 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। कई हफ्तों की महनत और हजारो पन्नो के आदेश और कई दस्तावेज देखने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने इस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया है।

जानिए किस के नाम थी ये जमीन :

बताया जा रहा है की इस जमीन के 11 टुकड़े किये गए थे। इस मंदिर की जमीन को इम्तियाज पिता अब्दुल रज्जाक, सैय्यद मोइनउद्दीन अहमद पिता सैय्यद बहाउद्दीन, मोहम्मद सलीम पिता अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद फारुख पिता हाजी इब्राहीम, आबेदा पत्नी मोहम्मद फारुख, मोहम्मद नईम पिता नूर मोहम्मद, आबेद पत्नी फारुक, मोहम्मद अशफाक पिता अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद सलीम पिता हाजी इब्राहीम, असलम पिता अब्दुल रज्जाक, अंजुम पत्नी सलीम, अब्दुल रज्जाक पिता अब्दुल शकूर, मोहम्मद मुनाफ पिता अब्दुल शकूर, नूर मोहम्मद पिता अब्दुल शकूर, नूर मोहम्मद पिता अब्दुल शकूर, अब्दुल मजीद पिता अब्दुल शकूर, इकबाल पिता अब्दुल शकर, बाबूदास पिता गंगादास, मोटपट इन लोगो ने अपने करवा ली थी। जिसके बाद अब कलेक्टर ने ये साफ कर दिया है की उस जमीन पर किसी का मालिकाना हक नहीं है क्योकि ये जमीन सरकारी है।

इस विवाद पर कलेक्टर आशीष सिंह ने लिया सज्ञान :

इस विवाद को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने संज्ञान लिया। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जूनी इंदौर के एसडीएम प्रदीप सोनी ने कोर्ट के सभी आदेशो , नामांतरण आदेश और हजारों पन्नो कि फाइल का अच्छे से अध्यन किया। बता दे की इस मामले की सुनवाई 1995 में की गयी थी जिसके बाद जिला कोर्ट ने बैरागी के पक्ष में फैसला लिया था। जिला कोर्ट का कहना था क्योकि ये जमीन धार्मिक स्थल है इसलिए बैरागी को इस जमीन पर पूजा, अर्चना और धार्मिक काम करवाने होंगे। कोर्ट ने ये साफ़ कर दिया था की बैरागी के पास इसका स्वामित्व है लेकिन वो ये जमीन को अपने निजी काम के लिए उपयोग नहीं कर सकता है और न ही इस जमींन को बेच सकता है। इसका अधिकार बैरागी के पास नहीं है।

इस आदेश को लेकर एसडीएम ने केस की बारिकी से जांच की और  दुबारा से जांच करने के लिए इस केस कलेक्टर को सोप दिया। इसके बाद कलेक्टर ने इसकी सुनवाई की और दोनों पक्षों से जवाब लिया।

कलेक्टर आशीष सिंह ने जिला कोर्ट 1995 में हुई सुनवाई के आदेश को लेकर बताया की ये जमीन बैरागी को पूजा, अर्चना और धार्मिक काम करने के लिए दी गयी थी। लेकिन बैरागी ने इसे बेच दिया, जिसके बाद कलेक्टर ने अक्टूबर 2014 में आए नियम का  हवाला देते हुए इस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया है और आदेश दिए है की इस जमीन पर सरकारी कब्जा किया जाए।

गौरतलब है की कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर खेड़ापति हनुमान मंदिर कि विवादित जमीन पर प्रशासन द्वारा कब्ज़ा कर लिया गया है

कलेक्टर के फैसले के बाद अब कोर्ट ने भी ये साफ़ कर दिया है की उस जमीन पर किसी का हक़ नहीं है वो सरकारी जमीन है दरअसल आज दूसरे पक्ष के लोगो ने कोर्ट में हाजरी लगाई थी । जिसके बाद कोर्ट ने उनकी पिटीशन सिरे से ख़ारिज कर दी है। साथ ही कोर्ट को बताया गया है प्रशासन ने आदेश जारी कर जमींन पर कब्जा ले लिया है ।