Raj Thackeray 6 साल बाद चचेरे भाई उद्धव के लिए गुलाब लेकर मातोश्री पहुंचे

Raj Thackeray: राजनीतिक दूरी को पीछे छोड़ते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे रविवार को अपने चचेरे भाई और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पहुंचे। यह मुलाकात खास इसलिए रही क्योंकि राज ठाकरे छह वर्षों बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से उद्धव ठाकरे के घर पहुंचे — वह भी गुलाब का फूल लेकर, उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं देने।

राज ठाकरे के साथ एमएनएस के वरिष्ठ नेता बाला नांदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे। मातोश्री के भीतर, राज और उद्धव ठाकरे ने दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के सामने एक साथ तस्वीर खिंचवाई। राज ने बालासाहेब की प्रतिष्ठित कुर्सी के सामने नतमस्तक होकर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

इस मुलाकात को ठाकरे परिवार में रिश्तों में आई नरमी और राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के संभावित संकेत के रूप में देखा जा रहा है। 2012 में बालासाहेब ठाकरे के अंतिम दिनों में राज ने अंतिम बार मातोश्री का औपचारिक दौरा किया था। उसके बाद 2019 में वे एक बार संक्षिप्त रूप से आए थे जब उन्होंने अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी के लिए निमंत्रण देने के लिए उद्धव से भेंट की थी।

यह हालिया मुलाकात उस वक्त हुई है जब दोनों नेता सार्वजनिक मंच पर भी एक साथ दिखाई दे रहे हैं। इसी महीने मुंबई के वर्ली में मराठी अस्मिता और हिंदी थोपे जाने के विरोध में आयोजित एक रैली में दोनों ने 20 साल बाद एक साथ मंच साझा किया। उस दौरान उद्धव ठाकरे ने आगामी नगर निगम चुनावों को लेकर एकजुट होकर लड़ने के संकेत दिए थे।

उद्धव ने उस रैली में कहा था, “हम एक साथ आए हैं ताकि एक साथ रह सकें… यह तो सिर्फ ट्रेलर है, असली फिल्म अभी बाकी है।” वहीं राज ठाकरे ने भी व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वह कर दिखाया जो शायद बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर पाए — यानी उन्हें और उद्धव को एक मंच पर लाना।

मुंबई महानगरपालिका सहित महाराष्ट्र की 29 नगरपालिकाओं के आगामी चुनावों को देखते हुए दोनों ठाकरे भाइयों का समीप आना राज्य की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने इन चुनावों में मुंबई और महाराष्ट्र पर पुनः नियंत्रण हासिल करने की मंशा भी सार्वजनिक की है।

हाल ही में नासिक जिले के इगतपुरी में आयोजित तीन दिवसीय एमएनएस सम्मेलन में राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि शिवसेना (उद्धव) के साथ गठबंधन को लेकर कोई भी निर्णय “सही समय पर” लिया जाएगा।

गौरतलब है कि 2006 में राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की थी। इसके बाद से दोनों नेताओं के बीच न केवल राजनीतिक, बल्कि पारिवारिक दूरियां भी बढ़ गई थीं। ऐसे में राज का मातोश्री जाना और गुलाब के साथ उद्धव को जन्मदिन की बधाई देना न केवल व्यक्तिगत समीकरणों में बदलाव का संकेत है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में नए गठजोड़ की संभावनाओं को भी हवा दे रहा है।