मानसून का मौसम आते ही ठंडी हवाएं और हल्की बारिश मौसम को तो सुहावना बना देती हैं, लेकिन इस दौरान बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने खानपान और जीवनशैली पर विशेष ध्यान दें। अक्सर लोग सोचते हैं कि गर्म पानी पीना सिर्फ सर्दियों के लिए होता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बरसात के मौसम में भी गुनगुना पानी पीना सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है।
क्यों बढ़ता है मानसून में संक्रमण का खतरा?
बारिश के मौसम में वातावरण में नमी का स्तर बढ़ जाता है, जिससे बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से पनपने लगते हैं। इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर सीधा पड़ता है। इस मौसम में सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में खराश, पेट की समस्याएं और वायरल इन्फेक्शन आम हो जाते हैं। ऐसे में गर्म पानी पीना एक सरल उपाय है जो इन समस्याओं से बचाव में मदद कर सकता है।
क्या पाचन में करता है सुधार?
गैस्ट्रोलॉजिस्ट्स बताते हैं कि गर्म पानी का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यह पेट में जमे विषैले तत्वों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे गैस, एसिडिटी और पेट की गड़बड़ी से राहत मिलती है। जिन लोगों को मानसून में अक्सर पेट से जुड़ी दिक्कतें होती हैं, उनके लिए गुनगुना पानी बेहद फायदेमंद हो सकता है।
बलगम हटाने और गले को राहत देने में सहायक
मानसून में सर्दी और खांसी की समस्या आम होती है। ऐसे में गुनगुना पानी गले की सूजन को कम करता है और छाती में जमा बलगम को साफ करता है। इससे सांस लेने में आसानी होती है और इन्फेक्शन फैलने का खतरा भी घटता है। साथ ही, जब शरीर अंदर से साफ रहता है, तो इसका असर चेहरे की त्वचा पर भी नजर आता है।
क्या करता है बॉडी को डिटॉक्स?
बहुत से लोग गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर सुबह-सुबह पीते हैं, जो वजन घटाने और ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होता है। यह आदत मानसून में भी जारी रखी जा सकती है। बस ध्यान रखें कि पानी बहुत ज्यादा गर्म न हो, क्योंकि इससे गले और पेट को नुकसान हो सकता है। हल्का गर्म, पीने लायक पानी ही सबसे उपयुक्त रहता है।
छोटा कदम, बड़ा फायदा
गर्म पानी पीना एक साधारण लेकिन असरदार घरेलू उपाय है, जो पाचन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और शरीर की सफाई में मदद करता है। अगर आप भी मानसून में खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो दिन में 2-3 बार गुनगुना पानी पीने की आदत जरूर डालें। ये छोटी सी आदत आपको कई मौसमी बीमारियों से दूर रख सकती है।