इंदौर की GDP 2030 तक होगी दोगुनी! सांसद शंकर लालवानी ने पेश किया भविष्य का रोडमैप

इंदौर की जीडीपी 2030 तक दोगुनी करने के विज़न को लेकर सांसद शंकर लालवानी इन दिनों विभिन्न संस्थाओं और विशेषज्ञों से लगातार संवाद कर रहे हैं। शनिवार को इसी क्रम में उन्होंने शहर के आर्थिक विशेषज्ञों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, टैक्स प्रैक्टिशनर्स और कंपनी सेक्रेटरीज़ के साथ टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के आयकर भवन स्थित हॉल में एक अहम बैठक की, जिसमें जीडीपी वृद्धि के लिए नीति, निवेश और साझेदारी जैसे बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

सांसद लालवानी ने एक सीईओ की तरह प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि इस मिशन की सफलता के लिए प्रोफेशनल संस्थाओं की भागीदारी बेहद आवश्यक है।

सांसद लालवानी ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि, ‘इंदौर की रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी को लगातार मज़बूत किया जा रहा है ताकि इंडस्ट्री यहाँ और रफ्तार पकड़े। जीडीपी डबल होने से लोगों की जिंदगी में खुशहाली और तरक्की खुद-ब-खुद नज़र आएगी और अगले 5-6 सालों में इंदौर मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश की तरक्की में सबसे अहम रोल निभाएगा।’

सांसद शंकर लालवानी ने कहा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विज़न और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की प्रगति को आगे बढ़ाते हुए इंदौर की जीडीपी डबल करने का यह मिशन आर्थिक समावेश, निवेश और उद्यमिता के तीन स्तंभों पर आधारित है। इस प्रयास में शहर की प्रोफेशनल संस्थाओं की भागीदारी निर्णायक भूमिका निभा सकती है।”

वरिष्ठ अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने कहा:

“देश की आर्थिक रीढ़ मजबूत करने में प्रोफेशनल संस्थाओं की भूमिका हमेशा अहम रही है। इंदौर जैसे प्रगतिशील शहर में यदि यह प्रयास नीति और भागीदारी के साथ किया जाए तो यह अन्य शहरों के लिए मॉडल बन सकता है।”

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए जयप्रकाश सराफ ने सांसद लालवानी का स्वागत करते हुए कहा,“अब तक देश की जीडीपी की बात होती थी लेकिन पहली बार एक शहर की जीडीपी को दोगुना करने की बात हो रही है, इसके लिए मैं सांसद शंकर लालवानी को बधाई देता हूं।”

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सीए अभय शर्मा ने कहा:

इंदौर के विकास के लिए यह एक अद्भुत पहल है। इस पहल को सही मंजिल तक पहुँचाने के लिए नीतिगत प्रयासों की आवश्यकता है। किसी भी शहर का विकास सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं वरन् इसके नागरिकों की भी है इस हेतु एक ऐसा रोड मैप हो जिसमे सरकार एवं नागरिकों की सहभागिता हो। इस रोड मैप की सावधिक समीक्षा हो तथा अधिकारियों की जवाबदेहिता सुनिश्चित की जाए।

इस सेशन में सीए राजत धनुका, सीए जे. पी. सराफ, सीए डॉ. अभय शर्मा, सीएस अमित कुमार बरंगे और सीएस मनीष जोशी सहित ICAI, TPA और ICSI के प्रतिनिधि शामिल हुए।

सभी ने एकमत होकर कहा कि इंदौर तेजी से आगे बढ़ रहा है और यदि सरकार, उद्योग जगत और पेशेवर संस्थाएं मिलकर काम करें, तो यह लक्ष्य अवश्य प्राप्त किया जा सकता है।

बैठक में प्राप्त प्रमुख सुझाव:

– पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाया जाए

– कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाए

– ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए डिजिटल मैप सिमुलेशन पर काम हो

– महिलाओं के लिए स्किल डेवेलपमेंट प्रोग्राम शुरू हों

– सिंगल विंडो परमिशन ज़मीन पर प्रभावी तरीके से लागू हो

– अहमदाबाद की गिफ्ट सिटी की तर्ज़ पर प्रोजेक्ट विकसित किया जाए

– नया आईटी पार्क बनाया जाए

– एक फाइनेंस सिटी की कल्पना की जाए

– जो भी नए पार्क विकसित हों, उनमें सीए, सीएस और प्रैक्टिशनर्स के लिए समर्पित स्थान हो — जिस पर सांसद ने कहा कि डॉक्टर्स समेत अन्य प्रोफेशनल्स के लिए भी स्पेस निर्धारित की जा सकती है

– इंदौर आने वाले मेहमानों के लिए फिलहाल उज्जैन, ओंकारेश्वर ही विकल्प है, ऐसे में जामगेट जैसे नेचुरल साइट्स को पर्यटन के लिए विकसित किया जाए

– डाटा सेंटर के लिए इंदौर को सर्वोत्तम स्थान मानते हुए विशेष सुविधाएं दी जाएं

– सेक्टर आइडेंटिफिकेशन के लिए प्रोफेशनल्स की टीम गठित कर सक्रिय प्रयास हों

– तमिलनाडु के त्रिपुर जैसी जगह से टेक्सटाइल सेक्टर में गाइडेंस लिया जाए और ऐसे क्षेत्रों की स्टडी की जाए

– इंदौर और उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए एक समान उद्योग नीति बने

– भारत ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (GCC) बन रहा है जहां दुनिया भर की कंपनियां भारत में काम आउटसोर्स करती है और प्रोफेशनल्स को सिर्फ इंटरनेट, कंप्यूटर और बिजली की जरूरत होती है लेकिन वे शहर की इकोनॉमी में बहुत योगदान करते हैं

कार्यक्रम में अनिल भंडारी, विशाल गिदवानी, अनुराग सिकरवार, रितेश पाटनी समेत कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।