MP Weather: मध्यप्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश के कारण सड़कों पर जलभराव हो गया है और कई इलाकों में आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। नदी-नाले उफान पर आ गए हैं जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लोगों को दैनिक गतिविधियों में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
53 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, इंदौर-उज्जैन में रेड अलर्ट
रविवार को प्रदेश के 53 जिलों में मौसम विभाग ने भारी से अति भारी बारिश का रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। खास बात यह है कि इंदौर और उज्जैन संभाग के सभी 15 जिलों में पहली बार एक साथ रेड और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। बाकी जिलों में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे प्रशासन सतर्क मोड में आ गया है।
मौसम प्रणाली और सक्रिय मानसून ट्रफ का असर
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण प्रदेश में लगातार वर्षा हो रही है। मानसून की द्रोणिका रेखा जम्मू, चंडीगढ़, बरेली, गोरखपुर, पटना, कोलकाता होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा हरियाणा पर एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवात भी सक्रिय है, जो मौसम प्रणाली को और अधिक मजबूती दे रहा है।
28 से 31 जुलाई तक और बढ़ेगा बारिश का दौर
मौसम विभाग ने 28 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक के लिए अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। विभाग का कहना है कि इस दौरान मध्यप्रदेश के अनेक जिलों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। जुलाई का अंत तेज बारिश के साथ होगा और अगस्त की शुरुआत भी भारी वर्षा से होने की संभावना जताई गई है।
इंदौर में झमाझम बारिश और तेज हवाएं
इंदौर जिले में लगातार बारिश जारी है। शनिवार को सुबह से शाम तक 44 मिमी (1.73 इंच) बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने रविवार को भी तेज बारिश के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है। इस वर्ष इंदौर में 1 जून से 26 जुलाई तक 10.73 इंच वर्षा रिकॉर्ड की जा चुकी है।
शिवपुरी में जलस्तर बढ़ा, मनीखेड़ा डेम के गेट खुले
शिवपुरी जिले में भारी वर्षा के चलते नदियों और नालों में उफान है। अटल सागर मनीखेड़ा डेम के 6 गेट अभी भी खुले हैं, जिससे सिंध नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।