अगस्त का महीना भारत में हमेशा से विशेष महत्व रखता आया है, लेकिन अगस्त 2025 खास तौर पर धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय उत्सवों से भरा हुआ रहेगा। इस महीने देश भर में न केवल आस्था और भक्ति की लहर देखने को मिलेगी, बल्कि देशप्रेम और एकता की भावना भी चरम पर होगी। रक्षा बंधन से लेकर गणेश चतुर्थी तक और स्वतंत्रता दिवस जैसे गौरवशाली पर्व तक, यह महीना हर वर्ग के लिए खास रहने वाला है।
प्रमुख त्योहारों और उत्सवों का संक्षिप्त परिचय
1. रक्षा बंधन (9 अगस्त)
भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित यह पर्व भारतीय संस्कृति की मिठास और पारिवारिक जुड़ाव का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधती हैं और भाई जीवन भर उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं। उपहारों का आदान-प्रदान, पारिवारिक मिलन और स्वादिष्ट पकवान इस दिन की विशेषताएं हैं।
2. स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)
15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों की गुलामी से आज़ादी पाई थी। यह दिन भारत के लिए सबसे गर्व के क्षणों में से एक है। पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं और सैनिक परेड से वातावरण गूंज उठता है। स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और कॉलोनियों में देशभक्ति गीतों और झंडारोहण की धूम रहती है।
3. पारसी नव वर्ष / नवरोज़ (16 अगस्त)
पारसी समुदाय का यह नया साल न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है बल्कि यह पुनर्नवीनता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है। लोग इस दिन नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और प्रार्थनाओं के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। पारसी अग्नि मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित होती हैं।
4. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (16 अगस्त)
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला यह पर्व व्रत, भजन-कीर्तन, झांकियों और मटकी फोड़ जैसे उत्सवों से भरा होता है। रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म का विशेष पूजन किया जाता है। देश के कई हिस्सों में मंदिरों को भव्य रूप से सजाया जाता है और रासलीला प्रस्तुत की जाती है।
5. हरतालिका तीज (26 अगस्त)
यह व्रत विवाहित और अविवाहित महिलाओं द्वारा पार्वती माता को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। खासकर उत्तर और मध्य भारत की महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और पार्वती-शिव की पूजा करती हैं। यह पर्व वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए मनाया जाता है।
6. गणेश चतुर्थी (27 अगस्त)
भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग गणपति बप्पा की मूर्ति घरों और पंडालों में स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक पूजा-अर्चना करते हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में इसकी विशेष धूम होती है। “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
अतिरिक्त जानकारी
• प्रतिबंधित अवकाशों में शामिल तिथियाँ:
▪ 9 अगस्त – रक्षा बंधन
▪ 15 अगस्त – जन्माष्टमी
▪ 27 अगस्त – विनायक चतुर्थी
अगस्त 2025 त्योहारों की दृष्टि से न केवल अत्यंत समृद्ध है बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत रहने वाला है। इस महीने के पर्व न केवल परिवारों को जोड़ते हैं बल्कि देश को भी एकता के सूत्र में पिरोते हैं। यह महीना हर वर्ग के लिए विशेष उत्सव और उमंग लेकर आएगा। अगस्त 2025 का महीना भारतीय संस्कृति और विविधता का उत्सव बनकर आएगा, जिसमें धार्मिक पर्वों से लेकर राष्ट्रीय समारोह तक शामिल हैं। इस महीने की शुरुआत ही 8 अगस्त को दो प्रमुख त्योहारों से होती है—झूलन पूर्णिमा, जो उड़ीसा में मनाई जाती है, और टेंडोंग लो रम फाट, जो सिक्किम की पारंपरिक आस्था का प्रतीक है।
9 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा, जो मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान जैसे कई राज्यों में विशेष उल्लास से मनाया जाता है। भाई-बहन के इस पावन रिश्ते को मनाने वाले इस दिन कई जगहों पर अवकाश घोषित होता है।
इसके बाद 13 अगस्त को मणिपुर में देशभक्त दिवस के रूप में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, जो राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का दिन होता है।
15 अगस्त को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। यह दिन भारत की आज़ादी की गौरवगाथा को स्मरण करने का अवसर होता है, और राष्ट्रीय अवकाश के रूप में पूरे भारत में इसे बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
16 अगस्त का दिन भी तीन महत्वपूर्ण अवसरों के लिए जाना जाएगा—पारसी नव वर्ष (नवरोज़), जन्माष्टमी और विधि सम्मत स्थानांतरण दिवस। पारसी समुदाय अपने नए साल की शुरुआत अच्छे विचारों और कर्मों के साथ करेगा, वहीं भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाएगा।
26 अगस्त को हरतालिका तीज का पर्व छत्तीसगढ़ और सिक्किम में मनाया जाएगा, जिसमें विवाहित और अविवाहित महिलाएं शिव-पार्वती के समर्पण में व्रत रखती हैं।
27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के पर्व पर महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक जैसे राज्यों में गणपति बप्पा का भव्य स्वागत होगा। जगह-जगह पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और भक्ति गीतों से वातावरण गूंजेगा।
अंत में 28 अगस्त को गणेश चतुर्थी की छुट्टी के साथ-साथ उड़ीसा में नुआखाई नामक पारंपरिक पर्व भी मनाया जाएगा, जो नई फसल के स्वागत और कृतज्ञता प्रकट करने का उत्सव होता है।
यह पूरा महीना भारत की बहुरंगी संस्कृति और विविधताओं को एक साथ दर्शाता है, जिसमें हर दिन उत्सव की भावना से जुड़ा है।