Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम के घने जंगलों में सोमवार को भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेस ने एक बड़े आतंकी को मार गिराया। यह आतंकी और कोई नहीं बल्कि हाल ही में हुए पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा था। सेना की इस कार्रवाई को कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ चल रहे अभियानों में एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
Pahalgam Attack: मुठभेड़ और ऑपरेशन की जानकारी
यह मुठभेड़ श्रीनगर से लगभग 20 किलोमीटर दूर हारवान-दाचीगाम क्षेत्र में हुई, जहां सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच घंटों तक गोलीबारी चली। सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि इस मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है और ऑपरेशन अब भी जारी है।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई उस व्यापक सर्च ऑपरेशन का हिस्सा थी, जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था। खुफिया एजेंसियों को पिछले कुछ हफ्तों से इनपुट मिल रहे थे कि हमले में शामिल कुछ आतंकी हारवान-दाचीगाम की ओर भागे हैं।
Pahalgam Attack: कौन था हाशिम मूसा?
हाशिम मूसा, जिसे सुलेमान मूसा के नाम से भी जाना जाता था, पहले पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) का हिस्सा रह चुका था। यह SSG पाकिस्तान की सेना की एक विशेष कमांडो यूनिट है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, SSG छोड़ने के बाद उसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल किया गया।
माना जाता है कि पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के कुछ तत्वों ने हाशिम मूसा को लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकी अभियानों को अंजाम देने के लिए ‘loan’ पर भेजा था। ऐसे प्रशिक्षित पूर्व कमांडो को आतंकी संगठनों में भेजने का उद्देश्य उनके ऑपरेशनल कौशल का फायदा उठाना और साथ ही पाकिस्तान की भूमिका से इनकार करने की गुंजाइश बनाए रखना होता है।
Pahalgam Attack: कैसे आया भारत?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हाशिम मूसा ने सितंबर 2023 में अंतरराष्ट्रीय सीमा के कठुआ-सांबा सेक्टर से भारत में घुसपैठ की थी। इसके बाद वह जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में सक्रिय रहा, जिनमें बडगाम, बारामूला, राजौरी, पुंछ और गांदरबल शामिल हैं।
उसकी गतिविधियों और मूवमेंट की जानकारी खुफिया एजेंसियों ने स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) से पूछताछ के आधार पर तैयार की थी, जिन्हें पहलगाम हमले के बाद हिरासत में लिया गया था।
बड़ा झटका आतंकवाद को
हाशिम मूसा की मौत न केवल पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ता के खात्मे का संकेत है, बल्कि यह आतंकी नेटवर्क को एक बड़ा झटका भी माना जा रहा है। सेना और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और तेजी से मिली इस सफलता ने घाटी में चल रहे आतंक विरोधी अभियानों को मजबूती दी है।