वेद-पुराणों और ज्योतिष ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र और शुभ नक्षत्र माना गया है। ऐसे में जब बुध ग्रह, जो बुद्धि, वाणी और व्यापार का प्रतिनिधि है, श्रावण मास की नाग पंचमी जैसे खास दिन पर इस नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो यह योग ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह संयोग व्यक्ति की मानसिक क्षमता, संवाद कौशल और व्यावसायिक समझ को मजबूत करता है।
29 जुलाई को शाम 4:17 बजे बुध का गोचर शनि स्वामित्व वाले पुष्य नक्षत्र में होगा। यह संयोग एक तरह से कर्मों की परीक्षा की घड़ी के रूप में देखा जा रहा है। चूंकि शनि अनुशासन, न्याय और कर्मफल का प्रतीक है, इसलिए यह योग कुछ राशियों के लिए आत्मनिरीक्षण का अवसर बनेगा, वहीं अन्य राशियों को अपने शब्दों और फैसलों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी।
नाग पंचमी पर बन रहा दुर्लभ ज्योतिषीय योग
नाग पंचमी का दिन वैसे ही आध्यात्मिक साधना, रहस्यवाद और मानसिक संतुलन से जुड़ा होता है। इस दिन बुध का पुष्य नक्षत्र में प्रवेश इस योग को और भी अधिक ऊर्जावान और फलदायी बनाता है। ऐसे में जो जातक ध्यान, वाणी संयम और बुद्धिमत्ता के साथ निर्णय लेंगे, उनके लिए यह संयोग अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
किन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ?
मिथुन, कन्या और मकर राशि के जातकों को इस गोचर का विशेष फल प्राप्त हो सकता है। इन राशियों के जातकों के लिए संचार कौशल में निखार, कार्यक्षेत्र में सकारात्मक बदलाव और आत्मविश्वास में वृद्धि के संकेत हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही है, उन्हें इस अवधि में श्रेष्ठ परिणाम मिलने की संभावना है।
लाभ प्राप्त करने वाली राशियाँ
- कर्क राशि: इस राशि के जातकों की वाणी में मधुरता आएगी, जिससे उनका सामाजिक प्रभाव बढ़ेगा। करियर में नए अवसर मिल सकते हैं।
- कन्या राशि: बुद्धि और योजना के दम पर कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी। निवेश से लाभ मिलने की संभावना है।
- मीन राशि: नए प्रोजेक्ट्स में सफलता और पारिवारिक जीवन में शांति का वातावरण बना रहेगा।
इन राशियों को रहना होगा सतर्क
- वृश्चिक राशि: इस गोचर के दौरान वाणी में तीखापन आ सकता है, जिससे पारिवारिक तनाव या भ्रम की स्थिति बन सकती है।
- मकर राशि: संबंधों में गलतफहमियां और साझेदारी में मतभेद हो सकते हैं। वित्तीय निर्णयों में सतर्कता आवश्यक है।
- मिथुन राशि: मानसिक तनाव, थकान और निर्णयों में असमंजस हो सकता है। अधूरे कार्यों को पूरा करने में बाधाएं आ सकती हैं।