अगस्त में कब हैं रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, तीज और एकादशी? जानिए व्रत-त्योहारों की पूरी तारीखवार सूची

अगस्त का महीना भारतीय पंचांग के अनुसार अत्यंत शुभ और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह महीना कई बड़े त्योहारों और व्रतों को अपने भीतर समेटे हुए है। महीने की शुरुआत मासिक दुर्गा अष्टमी से होगी और समापन राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत और दुर्गा अष्टमी के साथ होगा। इस महीने रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी जैसे पर्व विशेष धूमधाम से मनाए जाएंगे।

महीने की शुरुआत: दुर्गा अष्टमी और श्रावण के अंतिम व्रत

1 अगस्त को मासिक दुर्गा अष्टमी के साथ अगस्त की शुरुआत होगी। यह दिन देवी दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होता है। इसके बाद 4 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम सोमवार पड़ेगा, जो भगवान शिव की भक्ति का विशेष दिन माना जाता है। 5 अगस्त को अंतिम मंगला गौरी व्रत और पुत्रदा एकादशी रखी जाएगी। इसके साथ ही 6 अगस्त को श्रावण का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा, जिसमें भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।

वरलक्ष्मी व्रत और रक्षाबंधन का शुभ संयोग

8 अगस्त को वरलक्ष्मी व्रत मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से दक्षिण भारत में लोकप्रिय है। इस दिन महिलाएं धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की आराधना करती हैं। इसके ठीक अगले दिन, 9 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं भाई जीवन भर उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। इसी दिन गायत्री जयंती और सावन पूर्णिमा भी रहेगी। इसी दिन श्रावण मास का समापन होगा और भाद्रपद माह की शुरुआत 10 अगस्त से हो जाएगी।

कजरी तीज, संकष्टी चतुर्थी और बलराम जयंती

12 अगस्त को संकष्टी चतुर्थी के साथ-साथ कजरी तीज भी मनाई जाएगी। यह व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत में महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। इसके बाद, 14 अगस्त को बलराम जयंती मनाई जाएगी, जो भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस का शुभ योग

15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से यह दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में भी विशेष है। 16 अगस्त को वास्तविक जन्माष्टमी मनाई जाएगी क्योंकि अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:50 बजे शुरू होकर 16 अगस्त की रात 9:34 बजे तक रहेगी। इसी दिन दही हांडी उत्सव भी मनाया जाएगा, जिसमें श्रीकृष्ण के बाल रूप की लीला का प्रतीकात्मक आयोजन किया जाता है।

सिंह संक्रांति और अजया एकादशी

17 अगस्त को सूर्य का सिंह राशि में गोचर होगा, जिसे सिंह संक्रांति कहा जाता है। यह दिन दान, स्नान और सूर्य पूजा के लिए शुभ माना जाता है। 19 अगस्त को अजया एकादशी का व्रत रखा जाएगा, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी है। यह व्रत पापों के विनाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।

भाद्रपद माह के प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि

20 अगस्त को भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत पड़ेगा, जो शिव भक्ति के लिए शुभ दिन है। इसके अगले दिन, 21 अगस्त को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी, जिसमें रात्रि जागरण और शिवलिंग पर रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है।

अमावस्या, हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी

22 अगस्त को पिठोरी अमावस्या और 23 अगस्त को भाद्रपद अमावस्या मनाई जाएगी। अमावस्या पर पितरों का तर्पण और दान का विशेष महत्व होता है। 26 अगस्त को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाएगा, जो मुख्यतः महिलाओं द्वारा रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का शुभ पर्व रहेगा, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग घरों में गणपति की प्रतिमा स्थापित करके पूजा करते हैं।

महीने का समापन: स्कन्द षष्ठी, ललिता सप्तमी और राधा अष्टमी

28 अगस्त को स्कन्द षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा, जो भगवान कार्तिकेय की पूजा से जुड़ा होता है। 30 अगस्त को ललिता सप्तमी और 31 अगस्त को राधा अष्टमी मनाई जाएगी। राधा अष्टमी के दिन श्रीराधा जी का जन्मोत्सव बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इसी दिन महालक्ष्मी व्रत का आरंभ भी होता है और मासिक दुर्गा अष्टमी भी पड़ती है, जिससे यह दिन और अधिक पुण्यदायी बन जाता है।