मेघालय विधानसभा : मेघालय विधानसभा से कांग्रेस पार्टी खत्म हो गई है। कांग्रेस के एकमात्र विधायक रोनी वी लिंगदोह ने सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ज्वॉइन कर ली है। लिंगदोह, जो माइलीम क्षेत्र से विधायक हैं, ने पार्टी अध्यक्ष थॉमस ए संगमा को पार्टी छोड़ने का पत्र दिया है। अब मेघालय विधानसभा में कांग्रेस की कोई सदस्यता नहीं बची है। यह बदलाव सत्तारूढ़ पार्टी के लिए मजबूत स्थिति बनाता है और कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।
कांग्रेस से एनपीपी में बड़ा बदलाव, चार विधायक ने पार्टी बदली
कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीती थीं। उनमें से एक विधायक सलेंग ए संगमा तुरा सीट से सांसद चुने गए। बाकी में से तीन विधायक पिछले साल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल हो गए। ये तीन विधायक थे- सेलेस्टाइन लिंगदोह (उमसनिंग), गेब्रियल वाह्लांग (नोंगस्टोइन), और चार्ल्स मार्नगर (मावहती)। उन्होंने 19 अगस्त 2024 को एनपीपी की सदस्यता ली। बाद में विधानसभा के स्पीकर ने दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके इस बदलाव को मान्यता दी। इससे कांग्रेस की सदस्य संख्या और कम हो गई।
लिंगदोह के एनपीपी में आने से कांग्रेस का विधानसभा से सफाया
लिंगदोह के एनपीपी में शामिल होने के बाद मेघालय की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं बचा। इस विलय से एनपीपी की संख्या 32 हो गई है। इससे मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) सरकार और मजबूत हुई है। लिंगदोह के साथ डिप्टी सीएम स्नियाभलंग धर और एनपीपी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। डिप्टी सीएम ने बताया कि लिंगदोह ने औपचारिक रूप से एनपीपी की सदस्यता ले ली है। इससे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की ताकत बढ़ गई है।