कानूनी पचड़े में पड़े Rajkummar Rao! जालंधर कोर्ट में हुई पेशी, आखिर क्या है वजह

बॉलीवुड के प्रतिभाशाली अभिनेता Rajkummar Rao एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनकी शानदार अभिनय क्षमता नहीं, बल्कि एक पुराना कानूनी विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में, राजकुमार राव ने पंजाब के जालंधर कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद उन्हें सशर्त जमानत मिल गई। यह मामला उनकी 2017 में रिलीज हुई फिल्म बहन होगी तेरी से जुड़ा है, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

Rajkummar Rao: क्या है विवाद का मूल कारण?

2017 में रिलीज हुई फिल्म बहन होगी तेरी के एक प्रचार पोस्टर और दृश्य ने विवाद को जन्म दिया। इस पोस्टर में राजकुमार राव को भगवान शिव के अवतार में मोटरसाइकिल पर बैठे हुए दिखाया गया था, जिसमें उनके पैरों में चप्पलें थीं। जालंधर के एक स्थानीय निवासी और शिव सेना नेता, इशांत शर्मा ने इस चित्रण को अपमानजनक करार देते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। उनका दावा था कि यह पोस्टर और दृश्य हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है।

इस शिकायत के आधार पर राजकुमार राव, फिल्म के निर्देशक नितिन कक्कड़, निर्माता अमूल विकास मोहले और अभिनेत्री श्रुति हासन के खिलाफ जालंधर के डिवीजन नंबर 5 पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। यह मामला धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (आईपीसी की धारा 295-ए) के तहत दर्ज किया गया था।

Rajkummar Rao: कोर्ट में क्या हुआ?

इस मामले में राजकुमार राव को कई बार समन जारी किए गए, लेकिन उनकी ओर से कोर्ट में उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई। इसके परिणामस्वरूप, जालंधर की अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। आखिरकार, 28 जुलाई 2025 को राजकुमार राव ने जालंधर की जेएमआईसी जज श्रीजन शुक्ला की अदालत में सरेंडर किया। खबरों के अनुसार, वह मास्क पहनकर और सादगी से कोर्ट पहुंचे, ताकि उनकी मौजूदगी को लेकर ज्यादा हंगामा न हो।

कोर्ट में सरेंडर करने के बाद, जज श्रीजन शुक्ला ने राजकुमार राव को सशर्त जमानत दे दी। इस मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई थी, लेकिन नवीनतम जानकारी के अनुसार, राजकुमार राव इस सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। कोर्ट ने अब इस मामले में अगली तारीख दी है, और आगे की कार्रवाई उसी के अनुसार होगी।