मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल में झमाझम बारिश का दौर जारी है। नर्मदा नदी का जल स्तर उफान पर है। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध के 12 में से 8 गेट बुधवार शाम को खोले गए और 25 हजार क्यूमैक्स से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा नदी का जलस्तर और बड़ गया है।
वहीं खंडवा के मोरटक्का में नदी खतरे के निशान से केवल 0.90 मीटर नीचे बह रही है। पानी बढ़ने से ओंकारेश्वर के घाट भी डूब गए है। साथ ही मोरटक्का पुल भी खतरे की जद में आ गया है। इसलिए एहतियात के तौर पर पुल पर बैरिकैड्स लगाए गये है।
वहीं ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर नर्मदा नदी का जलस्तर इतना उफान पर रहा तो मोरटक्का पुल बंद हो सकता है। जिसके कारण इंदौर से खंडवा और बुरहानपुर की सीधी सड़क कनेक्टिविट टूट जाएगी। यहां भी बुधवार रात को बड़वाह पुलिस ने बैरिकेडिंग की है। फिल्हाल, मौसम साफ है और बारिश कम होने से दबाब भी कम है। लेकिन डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा पानी खतरा बन सकता है।
वहीं नर्मदा नदी के बढ़ते पानी के स्तर को लेकर प्रशासन ने सावधानी रखने के लिए सतर्क किया है। फिल्हाल ओंकारेश्वर और मोरटक्का के सभी घाट जलमन्ग हो चुके है। वहीं ओंकार पर्वत पर स्थित आदिगुरू शंकराचार्य के प्रतिमा स्थल का रास्ता भी बंद कर दिया गया है।
साथ ही मोरटक्का के ऐतिहासिक जबरेश्वर महादेव मंदिर तक भी पानी पहुंच चुका है। कहते है नर्मदा नदी हर साल इस मंदिर का जलाभिशेक करती है। बता दें कि इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर दोनो बांध का जलस्तर सामान्य से ऊपर है। ओंकारेश्वर बांध से बुधवार शाम से 19 रेडियल गेट और पावर हाउस मिलाकर कुल 12,599 क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया। बता दें कि दोनो बांध पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन भी कर रहे है।