बॉम्बे हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने के लिए पूरी तरह रोक लगादी है। साथ ही नगर निगम को आदेश दिया है कि जो लोग सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालते है, उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए।
गौरतलब है कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने कबूतरखानों को गिराने पर रोकर लगाई थी, लेकिन उन्हें दाना डालने की अनुमति नहीं दी। वहीं अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त नर्देश जारी कर दिए है। दरअसल, अदालत का मानना है कि कबूतरों की बीट, पंख और थूक के संपर्क में आने से अस्थमा, सांस संबंधी संक्रमण बिमारी और फेफड़ों की सूजन जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
यह खतरा सभी उम्र के लोगों के लिए है। कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य हितों को देखते हुए धार्मिक या परंपरागत गतिविधियों को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती। अदालत ने (बीएमसी) यानी बृहन्मुंबई महानगरपालिका से यह भी कहा है कि संबंधित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और बीट मार्शल्स की तैनाती की जाए और दाना डालने से रोकने के लिए उचित शारीरिक अवरोध लगाए जाएं।
इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 7 अगस्त 2025 को होगी, जिसमें हाईकोर्ट ने प्रशासन से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। अदालत के इस निर्णय से पशु प्रेम बनाम सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर गहन बहस छिड़ गई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की पीठ ने पशु प्रेमियों के समूह की तरफ से दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि – ये मुद्दा जनस्वास्थ्य से जुड़ा है और ये सभी उम्र के लोगो के स्वास्थ्य के लिए गंभीर और संभावित खतरा है।