पी चिदंबरम : कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अमित शाह के बयान पर नाराजगी जताई। अमित शाह ने कहा था कि जब तक चिदंबरम गृह मंत्री थे, तब अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जा सकती थी। चिदंबरम ने इसे झूठ और भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान गलत तरीके से पेश किया गया है। असल में, अफजल गुरु को अदालत ने दोषी ठहराया और सजा दी। इसके बाद, अक्टूबर 2006 में उसकी पत्नी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दी थी।
चिदंबरम ने अफजल गुरु फांसी मामले में अमित शाह के बयान को किया खारिज
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने 3 फरवरी 2013 को अफजल गुरु की दया याचिका को खारिज कर दिया था। इसके छह दिन बाद, 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को फांसी दी गई। मैं 1 दिसंबर 2008 से 31 जुलाई 2012 तक गृह मंत्री था। इस पूरे समय में अफजल गुरु की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित रही। कानून के मुताबिक, जब तक दया याचिका का फैसला नहीं हो जाता, तब तक मृत्युदंड की सजा लागू नहीं की जा सकती। इसलिए मेरी अवधि के दौरान अफजल गुरु को फांसी नहीं दी जा सकती थी।
अमित शाह ने यह टिप्पणी की
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम के बयान पर जवाब दिया। चिदंबरम ने पूछा था कि आतंकियों के पाकिस्तान से आने के क्या सबूत हैं। अमित शाह ने कहा कि जब चिदंबरम गृह मंत्री थे, तब अफजल गुरु को फांसी नहीं दी गई थी। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस की सोच देश की सुरक्षा की बजाय राजनीति पर है। उनकी फिक्र आतंकवाद खत्म करने की नहीं, बल्कि वोटबैंक की है। वे देश की सीमा की सुरक्षा करने की बजाय तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं।