योगी सरकार : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यूपी कौशल विकास मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बार लक्ष्य तय करने में तकनीक और विज्ञान का ज्यादा उपयोग किया गया है। मिशन के प्रमुख सचिव और निदेशक ने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्लेटफॉर्म से जनपदों की औद्योगिक जरूरतें, संसाधन और पिछले कामों का गहराई से अध्ययन किया। इसके बाद हर जनपद को उनके अनुसार प्रशिक्षण लक्ष्य दिए गए हैं।
प्राथमिकता में होंगे आकांक्षी जनपद और ब्लॉक
इस बार हर प्रशिक्षण प्रदाता को सिर्फ पांच जनपदों तक काम करने की सीमा दी गई है, ताकि कोई एक संस्था ज्यादा प्रभुत्व न बनाए और सभी क्षेत्र बराबर तरक्की करें। आकांक्षी जनपदों और ब्लॉकों को प्राथमिकता दी गई है और वहां 100% प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं। पिछले साल आवासीय प्रशिक्षण सिर्फ 1% था, अब इसे 36% तक बढ़ाया गया है क्योंकि इससे छात्रों की पढ़ाई अच्छी होती है। औद्योगिक संस्थानों की सहभागिता भी 3% से बढ़कर 47% तक पहुंच गई है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इन्वेस्ट यूपी, सीडीओ की मदद ली जाएगी
इन्वेस्ट यूपी की मदद से प्रदेश में बनने वाली बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं की भविष्य की जरूरतों का अनुमान लगाया गया और लक्ष्य तय किए गए। जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों (सीडीओ) की मदद से रोजगार की जरूरतों और सेवायोजन क्षमता का भी अध्ययन किया गया। इस बार टाटा द्वारा चलाए जा रहे आईटीआई संस्थानों में छोटे समय के कोर्स भी शामिल किए गए हैं, ताकि युवाओं को जल्दी और बेहतर प्रशिक्षण मिल सके।
प्राथमिकता में महिलाएं और दिव्यांग
प्रशिक्षण प्रदाताओं के लिए महिलाओं को 33% और दिव्यांगों को 5% आरक्षण देना जरूरी कर दिया गया है। इस बार ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डिजिटल टेक्नोलॉजी, कंटेंट क्रिएशन, ग्रीन जॉब्स और सोलर एनर्जी जैसे नए और जरूरी कौशलों पर खास ध्यान दिया गया है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सीपेट और UPICO जैसी संस्थाओं को कुल 810 प्रशिक्षण लक्ष्य दिए गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को फायदा मिल सके।