इंदौर RTO की बड़ी कार्रवाई, एक दिन में वसूले 1.5 करोड़, 8 बसों पर चला बुलडोजर

इंदौर में आरटीओ विभाग द्वारा बकाया मोटरयान कर को लेकर सख्ती तेज कर दी गई है। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा के निर्देश पर की गई इस बड़ी कार्रवाई के तहत एक ही दिन में 91 वाहनों से 1 करोड़ 52 लाख 90 हजार 392 रुपये की कर वसूली की गई, जो कि अब तक की एक रिकॉर्ड वसूली मानी जा रही है।

जुलाई में वसूले गए कुल 2.46 करोड़ रुपये

आरटीओ इंदौर द्वारा जुलाई महीने में चलाए गए विशेष वसूली अभियान में अब तक कुल 240 वाहनों से 2 करोड़ 46 लाख रुपये का बकाया कर वसूला जा चुका है। 3 जुलाई से 31 जुलाई 2025 के बीच चलाए गए इस अभियान में अधिकारियों ने सख्त निगरानी और लगातार संपर्क बनाकर वाहन स्वामियों से कर वसूला।

हर अधिकारी को सौंपी गई जिम्मेदारी

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि बकाया वसूली अभियान को तेजी देने के लिए आरटीओ कार्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सक्रिय रूप से लगाया गया। सभी को बकाया वाहन स्वामियों की सूची दी गई और उन्हें मोबाइल, फोन कॉल या व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर कर अदायगी के निर्देश दिए गए।

इस दौरान कर्मचारियों ने अपने नियमित कार्यों के साथ-साथ बकाया वसूली में भी अहम भूमिका निभाई। नोटिस भेजने से लेकर मोबाइल कॉल और फील्ड विज़िट तक की प्रक्रिया अपनाकर लम्बे समय से लंबित कर वसूल किया गया।

लोक परिवहन में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई

कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश पर शुक्रवार को आरटीओ विभाग ने लोक परिवहन में लापरवाही बरतने वाले बस संचालकों पर कड़ा एक्शन लिया। सार्वजनिक स्थानों पर अव्यवस्थित रूप से खड़ी बसों से यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही थी, जिसके चलते 8 बसों को जब्त कर लिया गया।

दस्तावेजों की हुई सघन जांच

चेकिंग के दौरान अधिकारियों ने बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, बीमा, पीयूसी, टैक्स रसीद और अन्य जरूरी दस्तावेजों की जांच की। इसके साथ ही ओवरलोडिंग, अधिक किराया वसूली, स्पीड गवर्नर की अनुपस्थिति जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी कार्रवाई की गई।

ये सभी बसें पटेल प्रतिमा, मधुमिलन चौराहा, रिंग रोड, और मूसाखेड़ी क्षेत्रों से जब्त की गईं। इनमें कुछ बसें आम रास्ते पर सवारियों को बैठाते हुए मिलीं, जबकि कुछ बीच सड़क पर सफाई या मरम्मत कार्य करती नजर आईं।

निरंतर जारी रहेगा सख्ती का अभियान

आरटीओ कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि बकाया वसूली और लोक परिवहन में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्रशासन की यह मुहिम साफ संकेत दे रही है कि अब वाहन स्वामियों को लापरवाही भारी पड़ सकती है।