आज के भागदौड़ भरे जीवन में अक्सर लोग ट्रैफिक नियमों को हल्के में ले लेते हैं, कभी हेलमेट पहनना भूल गए, कभी रेड लाइट तोड़ दी, तो कभी जल्दी में नो-पार्किंग में गाड़ी लगा दी। हमें लगता है कि कोई देख नहीं रहा, लेकिन असलियत यह है कि शहर के हर प्रमुख चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे आपकी हर गलती रिकॉर्ड कर रहे होते हैं।
कई बार महीनों तक हमें पता ही नहीं चलता कि कोई चालान कटा है। लेकिन जब आप अपने वाहन की आरसी या इंश्योरेंस रिन्यू कराने जाते हैं, तो अचानक सामने आता है कि वाहन पर 5,000, 10,000 या यहां तक कि 20,000 रुपये तक का चालान बकाया है।
ऐसी स्थिति में सबसे पहले यही सवाल उठता है, इतना चालान कैसे भरें? पैसा कहां से आएगा? अगर आप भी इसी तरह के संकट में हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। सरकार ने इस बोझ को कम करने के लिए लोक अदालत के रूप में एक आसान और राहत देने वाला विकल्प रखा है।
क्या है लोक अदालत और कब लगती है?
लोक अदालत यानी ऐसी अदालत जहां ट्रैफिक से जुड़े पुराने मामलों का सुलझाव बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के, सरल तरीके से किया जा सकता है। अच्छी बात ये है कि यहां पर कई बार चालान की रकम पूरी तरह माफ हो जाती है या फिर उसमें 50% तक की छूट भी मिल जाती है।
लोक अदालत हर साल चार बार आयोजित की जाती है। अगली लोक अदालत 13 सितंबर 2025 को लगेगी, जो राज्य और जिला स्तर पर होगी। इस अदालत में शामिल होने के लिए आपको दो दिन पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है, जिसके बाद आपको अपॉइंटमेंट लेटर और टोकन नंबर मिल जाता है।
लोक अदालत के लिए कैसे करें आवेदन?
अगर आपके पास एक से ज्यादा चालान हैं, तो हर चालान के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन के बाद तय तारीख को अपॉइंटमेंट लेटर, टोकन नंबर और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ लोक अदालत में उपस्थित होना जरूरी है।
वहां पर आपको चालान से संबंधित मामला समझाया जाएगा और यदि मामला लोक अदालत के अंतर्गत आता है, तो आपकी रकम माफ या कम की जा सकती है।
चालान की जानकारी कैसे देखें?
अपने वाहन के चालान की जानकारी आप बहुत आसानी से echallan.parivahan.gov.in वेबसाइट या mParivahan ऐप के माध्यम से देख सकते हैं।
बस आपको अपनी गाड़ी का नंबर, चालान नंबर, या ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करके कैप्चा कोड भरना होता है। इसके बाद आप अपने चालान की पूरी डिटेल्स देख सकते हैं और उसका प्रिंट निकालकर लोक अदालत में पेश हो सकते हैं।
किन मामलों में मिल सकती है राहत?
लोक अदालत में आमतौर पर निम्नलिखित ट्रैफिक मामलों पर सुनवाई होती है:
- बिना हेलमेट या सीट बेल्ट चलाना
- रेड लाइट तोड़ना
- नो-पार्किंग में वाहन खड़ा करना
- ओवर स्पीडिंग
- गाड़ी में जरूरी दस्तावेजों की कमी
इन मामलों में अगर आपके खिलाफ चालान है, तो लोक अदालत में पेश होकर आप या तो पूरा चालान माफ करवा सकते हैं या उसमें 50% तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।