शहरवासियों को इंदौर के सुनियोजित विकास की दिशा में जल्द ही नया मास्टर प्लान मिलने की जो उम्मीद थी, वह अब निराशा में बदलती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इंदौर का मास्टर प्लान फिलहाल प्रकाशित नहीं किया जा रहा है। सरकार के जवाब में यह भी कहा गया है कि इस योजना के प्रकाशन की कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की जा सकती।
बीते दिन विधायक प्रीतम लोधी ने विधानसभा में यह सवाल उठाया था कि क्या भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों के मास्टर प्लान तैयार कर लिए गए हैं? इसके जवाब में नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि वर्तमान में भोपाल, जबलपुर और इंदौर की विकास योजनाओं का पुनर्विलोकन किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि इन योजनाओं को अंतिम रूप देने की कोई तय समयसीमा नहीं है।
तेजी से बढ़ते शहर को चाहिए ठोस योजना
इंदौर लगातार बढ़ते हुए जनसंख्या दबाव और शहरीकरण की चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में एक ठोस और आधुनिक मास्टर प्लान की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। यह योजना शहर के ट्रैफिक, हाउसिंग, इंडस्ट्रियल ज़ोन, हरित क्षेत्र, जल-स्रोत, व मूलभूत सुविधाओं के विकास का खाका तैयार करने के लिए अहम मानी जा रही थी।
योजना की देरी से बढ़ेगी असमंजस की स्थिति
मास्टर प्लान की घोषणा में हो रही देरी न केवल विकास कार्यों की दिशा को अनिश्चित बनाती है, बल्कि इससे भविष्य की नगर नियोजन से जुड़ी परियोजनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। इससे आम जनता, बिल्डर्स, शहरी नियोजन से जुड़े विभाग और निवेशकों में भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
फिलहाल नहीं दिख रही कोई जल्द प्रगति की संभावना
विधानसभा में मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के बाद यह साफ हो गया है कि इंदौर का मास्टर प्लान निकट भविष्य में आता नहीं दिख रहा है।