वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। भारतीय रेलवे की स्थायी समिति ने यह सुझाव दिया है कि बुजुर्ग यात्रियों को ट्रेन यात्रा के किराए में फिर से छूट दी जानी चाहिए। समिति की मांग है कि कम से कम स्लीपर और थर्ड एसी क्लास जैसी सामान्य श्रेणियों में पहले की तरह रियायतें बहाल की जाएं। यह मांग ऐसे समय में आई है जब महंगाई और यात्रा खर्च लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे बुजुर्गों के लिए यात्रा करना कठिन होता जा रहा है।
राज्यसभा में उठा मुद्दा, रेल मंत्री ने दिया जवाब
राज्यसभा में शुक्रवार को कई सांसदों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से यह सवाल पूछा कि आखिर वरिष्ठ नागरिकों को किराए में मिलने वाली छूट कब वापस दी जाएगी। इस पर जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की स्थायी समिति ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराया छूट पर दोबारा विचार करने की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि फिलहाल रेलवे हर यात्री को औसतन 45% सब्सिडी दे रहा है, यानी टिकट की असली लागत ₹100 होने पर यात्रियों से केवल ₹55 ही वसूले जा रहे हैं।
कोविड से पहले मिलती थी ये छूट
कोविड-19 महामारी से पहले भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रियायतें देता था। पुरुष यात्रियों को जो 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के होते थे, उन्हें 40% की छूट मिलती थी। वहीं, महिलाओं को 58 वर्ष की उम्र के बाद 50% की छूट का लाभ दिया जाता था। ये रियायतें मेल, एक्सप्रेस, राजधानी जैसी अधिकतर ट्रेनों में लागू थीं। लेकिन महामारी के दौरान इन छूटों को बंद कर दिया गया और अब तक बहाल नहीं किया गया है।
कौन से यात्रियों को अब भी मिल रही है रियायत?
रेल मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि कुछ श्रेणियों के यात्रियों को अब भी रेलवे द्वारा किराए में छूट दी जा रही है। इनमें दिव्यांगजन, कैंसर रोगी, कुछ विशेष प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज और विद्यार्थी शामिल हैं। रेलवे का तर्क है कि सीमित संसाधनों के बीच सभी यात्रियों को सस्ती और किफायती सेवा देना उसकी प्रमुख प्राथमिकता है।
फिलहाल राहत नहीं, लेकिन उम्मीद ज़रूर
हालांकि सरकार ने फिलहाल सीनियर सिटीजन रियायत को बहाल नहीं किया है, लेकिन रेल मंत्री के बयान और समिति की सिफारिश से इस बात के संकेत ज़रूर मिले हैं कि आने वाले समय में यह छूट फिर से शुरू की जा सकती है। यदि ऐसा होता है, तो यह निर्णय देशभर के लाखों बुजुर्ग यात्रियों के लिए बड़ी राहत और सहारा बन सकता है, जो अक्सर अपनी पेंशन या सीमित आय में सफर करते हैं।