भारत में निष्पक्ष व्यापार को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने डिजिटल क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए गूगल के खिलाफ एक नई जांच शुरू करने का आदेश दिया है। यह कदम अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) द्वारा दायर एक शिकायत के बाद उठाया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गूगल ऑनलाइन डिस्प्ले विज्ञापन बाजार में प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों में शामिल है।
शिकायत की पृष्ठभूमि क्या है?
ADIF ने अपनी शिकायत में कहा कि गूगल ने अपने एडटेक पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी सेवाओं को अवैध तरीके से प्रमुखता दी है। गूगल पर आरोप है कि उसने अपने विभिन्न प्रोडक्ट्स और सेवाओं के माध्यम से बाज़ार पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश की है। इनमें शामिल है, गूगल का DFP (डबलक्लिक फॉर पब्लिशर्स) को अपने ADX (एड एक्सचेंज) के साथ जोड़ना और उन्हें एक साथ पैकेज के रूप में पेश करना। इसके अलावा, यूट्यूब पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों तक पहुंच को सिर्फ अपने DV360 प्लेटफॉर्म के माध्यम से संभव बनाना भी इसी श्रेणी में गिना गया है।
एकीकृत जांच के निर्देश
CCI ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पहले से चल रही एक अन्य जांच से जोड़ दिया है। आयोग ने महानिदेशक (DG) को निर्देश दिया है कि वे न केवल ऑनलाइन डिस्प्ले विज्ञापन सेवाओं की जांच करें, बल्कि शिक्षा प्रौद्योगिकी माध्यमों (Ed-Tech mediation services) में गूगल की भूमिका की भी समेकित जांच करें। यह एक एकीकृत रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत की जाएगी जिससे गूगल की रणनीतियों की पूरी तस्वीर सामने आ सके।
क्या हो सकते हैं नतीजे?
अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि गूगल ने वाकई प्रतिस्पर्धा को खत्म करने या सीमित करने के इरादे से अपनी सेवाओं का गलत इस्तेमाल किया है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में भारी आर्थिक दंड (पेनल्टी) के साथ-साथ गूगल को अपनी मौजूदा नीतियों में बदलाव करने का आदेश भी मिल सकता है। इससे गूगल को अपने प्लेटफॉर्म्स को अन्य प्रतिस्पर्धियों के लिए भी समान रूप से सुलभ बनाना होगा।
गूगल की दबदबे वाली रणनीतियों पर सवाल
गूगल के ऊपर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह अपने ही समूह की कंपनियों को अधिक प्राथमिकता देता है, जिससे अन्य विज्ञापनदाताओं और शिक्षा प्लेटफॉर्म्स को बाजार में टिके रहना मुश्किल हो जाता है। यह रणनीति उपयोगकर्ताओं को सीमित विकल्प देती है और बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है।