Himachal Pradesh : हिमाचल प्रदेश इस समय गंभीर प्राकृतिक संकट से जूझ रहा है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने राज्यभर में तबाही मचा दी है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक 383 सड़कें बंद हो चुकी हैं, 747 से अधिक विद्युत ट्रांसफॉर्मर बंद हैं और 249 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हो गई हैं।
Himachal Pradesh: मौत का आंकड़ा बढ़ा, भूस्खलन और बाढ़ बनी मुख्य वजह
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, मानसून की शुरुआत से अब तक 173 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 95 मौतें भूस्खलन, बादल फटने और मकानों के ढहने की घटनाओं में हुई हैं, जबकि 78 लोग सड़क हादसों में मारे गए हैं। फिसलन भरी सड़कों और धुंध की वजह से दुर्घटनाओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
ज़िले बुरी तरह प्रभावित, संपर्क मार्ग टूटे
चंबा, कुल्लू, मंडी और ऊना जिलों में स्थिति सबसे अधिक गंभीर है। इन इलाकों में भारी भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुख्य राजमार्ग जैसे NH-305, NH-505, NH-21 और NH-03 पर मलबा जमा है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों का संपर्क अन्य भागों से कट गया है। लाहौल-स्पीति में एनएच-505 छत्रु के पास बंद है और कुल्लू के जेढ़ (खानाग) में NH-305 पूरी तरह अवरुद्ध है।
Himachal Pradesh : पनबिजली परियोजनाएं प्रभावित, बांध अलर्ट पर
कुल्लू की पार्वती घाटी में मलाणा-I पनबिजली परियोजना का कॉफरडैम शुक्रवार को ढह गया, जिससे भारी जल प्रवाह नीचे की ओर बहा और भारी मशीनरी को अपने साथ बहा ले गया। इस परियोजना को पिछले साल भी बाढ़ से भारी नुकसान हुआ था।
रावी बेसिन में बाजोली होली और बैरा डैम तथा ब्यास नदी पर स्थित सैंज और लारगी बैराज पर बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया है। मलाणा-II परियोजना भी बंद है, और उसके गेट खुले रखे गए हैं। अधिकारियों के अनुसार शनिवार शाम 5 बजे तक सभी जलाशयों का जलस्तर “अनुमेय सीमा” के भीतर था।
Himachal Pradesh : ऊना में रिकॉर्ड वर्षा, स्कूल बंद, जनता को सतर्कता निर्देश
ऊना जिले में शुक्रवार रात को 222 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे सड़कें, घर और बाजार जलमग्न हो गए। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और लोगों को नदियों और नालों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
राहत कार्य जारी, लेकिन पूर्ण सामान्य स्थिति में समय लगेगा
इंजीनियरों द्वारा कुछ सीवरेज और सिंचाई व्यवस्था को बहाल किया गया है, लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि “पूर्ण सामान्य स्थिति बहाल होने में अभी कई दिन लग सकते हैं।” प्रशासन और राहत टीमें लगातार मलबा हटाने, सड़कों को खोलने और फंसे हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। हालांकि अधिकारी मानते हैं कि हर नया बादल फटने की घटना राहत कार्यों को फिर से शून्य पर ला सकती है।