Joe Root: ओवल में 39वां टेस्ट शतक लगाकर जो रूट ने कुमार संगकारा को पीछे छोड़ा

Joe Root: इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट ने एक बार फिर अपनी शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश करते हुए ओवल टेस्ट के चौथे दिन भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच में अपना 39वां टेस्ट शतक जड़ दिया। इस ऐतिहासिक पारी के साथ उन्होंने श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज कुमार संगकारा (38 शतक) को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की सूची में चौथा स्थान हासिल कर लिया है।

रूट की इस पारी ने न सिर्फ रिकॉर्ड बुक्स में एक नई इबारत लिखी, बल्कि मैदान पर मौजूद दर्शकों को भी रोमांच से भर दिया। उन्होंने हैरी ब्रूक के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 195 रनों की साझेदारी की, जिसने भारतीय गेंदबाजों की कमर तोड़ दी। यह साझेदारी इंग्लैंड की पारी को मजबूती देने में निर्णायक साबित हुई।

ओवल टेस्ट की चौथी पारी में यह जो रूट का तीसरा शतक था, जो उनके अनुभव और धैर्य को दर्शाता है। उन्होंने तीसरे सत्र में आकाश दीप की गेंद पर दो रन लेकर अपना शतक पूरा किया। यह क्षण और भी खास बन गया जब उनके माता-पिता स्टेडियम में मौजूद थे और पूरे मैदान ने खड़े होकर इस बल्लेबाजी के जादूगर की प्रशंसा की।

इस शतक के साथ जो रूट ने न केवल क्रिकेट की दुनिया में अपनी महानता को फिर से साबित किया, बल्कि उन्होंने दिवंगत इंग्लैंड कोच ग्राहम थोर्प को भी श्रद्धांजलि दी। शतक पूरा करने के बाद रूट ने उनकी याद में उनके नाम वाला आर्मबैंड पहना, जो उनके भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है।

पहले सत्र में बेन डकेट के जल्दी आउट हो जाने के बाद रूट बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर उतरे। पहली पारी में बड़ा स्कोर नहीं बना पाने के कारण वे दूसरी पारी में पूरी तरह से एकाग्र और आत्मविश्वास से भरे नजर आए। शुरुआत से ही उनका फुटवर्क सटीक था और हर गेंद पर उनका नियंत्रण देखने लायक था।

जो रूट की इस पारी ने न केवल इंग्लैंड को मैच में बनाए रखा, बल्कि उनके करियर में एक और मील का पत्थर जोड़ दिया। अब वे टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक शतक लगाने वालों की सूची में केवल सचिन तेंदुलकर (51), जैक कैलिस (45) और रिकी पोंटिंग (41) से पीछे हैं।

जो रूट की यह पारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे मुश्किल परिस्थितियों में धैर्य और तकनीक के साथ बल्लेबाजी की जाती है। उनके बल्ले से निकली हर बाउंड्री इस बात की गवाही दे रही थी कि वह आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक हैं।