Trump Tariff: भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में टैरिफ को लेकर बढ़ते तनाव के बीच सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कुछ खबरों को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से खंडन किया है। मंत्रालय की फैक्ट चेक इकाई ने ऐसी रिपोर्ट्स को “पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन” बताया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि भारत उन अमेरिकी वस्तुओं की सूची की समीक्षा कर रहा है जिन्हें टैरिफ से छूट दी गई है।
विदेश मंत्रालय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि भारत फिलहाल ऐसी किसी समीक्षा की प्रक्रिया में नहीं है। उन्होंने उन अफवाहों को भी खारिज किया जिनमें कहा गया था कि भारत अमेरिका के साथ अपने द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा कर रहा है और यदि अमेरिका की “शत्रुतापूर्ण आर्थिक नीतियां” जारी रहती हैं तो उन्हें निलंबित करने पर विचार कर सकता है।
Trump Tariff: अमेरिका के साथ चल रही व्यापार वार्ता
25% टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका और भारत के बीच चल रही बातचीत को लेकर भी सकारात्मक संकेत दिए गए हैं। मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों देश एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में “गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं”।
फिलहाल वार्ताएं वर्चुअल माध्यम से जारी हैं, और उम्मीद की जा रही है कि शेष मतभेदों को दूर करने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इस महीने भारत का दौरा करेगा। यह छठे दौर की प्रत्यक्ष बातचीत होगी, जिसमें दोनों पक्षों के बीच अंतिम समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है। अमेरिकी टीम के 24 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
Trump Tariff: ट्रंप की आलोचना और टैरिफ का असर
इस विवाद की जड़ में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत आयात शुल्क हैं, जो 1 अगस्त से प्रभावी हो चुके हैं। ट्रंप ने यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद के मद्देनज़र उठाया है, जिसे उन्होंने यूक्रेन युद्ध के परिप्रेक्ष्य में “अस्वीकार्य” बताया।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, “भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ विश्व में सबसे अधिक हैं और वे गैर-राजकोषीय व्यापार अवरोधों के लिए भी बदनाम हैं।”
अगले ही दिन, ट्रंप ने एक और पोस्ट में भारत और रूस पर निशाना साधते हुए कहा कि “इन दोनों देशों को अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं लेकर एक साथ डूब जाना चाहिए।”