कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में गंभीर हेराफेरी का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में करीब 1 लाख 250 फर्जी वोट शामिल किए गए, जिससे कांग्रेस को चुनाव में भारी नुकसान हुआ।
राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी को कर्नाटक में 16 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन वह केवल 9 पर सिमट गई। इसके पीछे उन्होंने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को मुख्य कारण बताया।
लाइव प्रस्तुति में दिखाए नकली वोटर्स के प्रमाण
राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लाइव डेमो के ज़रिए मतदाता सूची में डुप्लीकेट और नकली वोटर्स के उदाहरण दिखाए। उन्होंने दावा किया कि यह जानकारी खुद चुनाव आयोग के डेटा पर आधारित है और यह दिखाता है कि निष्पक्ष चुनाव का दावा करने वाला आयोग वास्तव में लाखों फर्जी मतदाताओं को शामिल कर रहा है। राहुल का कहना है कि यह केवल एक क्षेत्र की बात नहीं है बल्कि पूरे देश में इस तरह की गड़बड़ी चल रही है।
चुनाव आयोग का जवाब : आरोप भ्रामक और निराधार
इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लाइन का आधिकारिक बयान जारी किया। आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “भ्रामक” करार दिया और कहा कि इस तरह के बयानों से जनता को गुमराह किया जा रहा है। इसके साथ ही आयोग ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) का बयान भी साझा किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी से हस्ताक्षरित घोषणापत्र जमा करने की मांग की है, ताकि मामले में जांच और जरूरी कार्रवाई की जा सके।
राहुल गांधी को नोटिस : दें सबूत, नहीं तो रोकें आरोप
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि उन्हें मतदाता सूची में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत हैं, तो उन्हें निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(B) के तहत एक औपचारिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करके जमा करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उन्हें “निराधार आरोप” लगाने से बचना चाहिए, जिससे जनता में भ्रम फैलता है और चुनाव आयोग की साख पर असर पड़ता है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया : जनता के सामने कही बात ही मेरी शपथ
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे एक राजनेता हैं और जनता के सामने कही गई बात ही उनकी शपथ होती है। उन्होंने कहा, “मैं इसे सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं, यही मेरी शपथ है।” साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव आयोग ने उनके लगाए गए तथ्यों से इनकार नहीं किया, बल्कि सिर्फ एक बयान देकर खुद को बचाने की कोशिश की है।
राहुल गांधी ने सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, बल्कि पूरे देश में इसी तरह की फर्जीवाड़े की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि यह एक संगठित अपराध है जो देशभर में किया गया है। चुनाव आयोग न सिर्फ इसे छिपा रहा है बल्कि सबूत नष्ट करने की कोशिश भी कर रहा है।”