SAS अफसरों को मिलेगा IAS में प्रमोशन, दिल्ली में DPC की बैठक में होगा फैसला

दो साल के थमाव के बाद अब पुनः मौका मिला है। 2023‑24 की डीपीसी बैठक में राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के 16 अपर कलेक्टर पदाधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नत किए जाने के लिए मंजूरी मिल गई है। यह फैसला दिल्ली में मुख्य सचिव अनुराग जैन की मौजूदगी में हुई बैठक के माध्यम से लिया गया।

डीपीसी मीटिंग में परेशानी का कारण रहा विवाद

2022 की डीपीसी में जिन्हें SAS से IAS पद मिला था, 2023‑24 के लिए कोई बैठक नहीं हो पाई थी, जिससे 16 पद रिक्त रह गए थे। इस विलंब की वजह राज्य प्रशासनिक सेवा संघ का विरोध था, क्योंकि प्रस्ताव में एसएएस के अलावा नॉन‑एसएएस अफसरों को भी शामिल किया गया था। इसके अलावा, कुछ अफसरों ने सीनियरिटी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर रखी थी।

इन नामों पर हुआ विचार – फाइनल की ओर पहला कदम

प्रत्येक पद के लिए तीन-तीन नाम प्रस्तावित किए जाते हैं, और इस प्रक्रिया में कुल 48 SAS afसरों की प्रारंभिक सूची बनाई गई थी। डीपीसी बैठक में 32 नामों पर आगे विचार किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे: एन पी नामदेव, डॉ. कैलाश बुंदेला, कमलचंद नागर, मनोज मालवीय, नंदा भलावे कुशरे, जयेंद्र कुमार विजयवत, सविता झारिया, अनिल डामोर, कमल सोलंकी, सारिका भूरिया, संतोष कुमार टैगोर, जितेन्द्र सिंह चौहान, शैली कनास, राकेश कुशरे, कविता बाटला, रोहन सक्सेना, आशीष पाठक, सपना अनुराग जैन, ईला तिवारी, मिनिषा पांडे, नीता राठौर, सपना लोवंशी, रंजना देवड़ा, रानी पासी, माधवी नागेन्द्र, प्रियंका गोयल, वर्षा सोलंकी, अभिषेक दुबे। हालांकि, कई अफसर विभागीय जांच प्रक्रिया (लिफाफा बंद) की वजह से फिलहाल पदोन्नति राशि से वंचित रहेंगे।

आईएएस अवॉर्ड की प्रक्रिया कैसे होती है?

राज्य सरकार उस सूची को तैयार करती है जिसमें केवल निरंतर सेवा वाले, जांच‑मुक्त वरिष्ठ अतक कलेक्टर अफसर ही शामिल होते हैं, और उसे UPSC को भेजा जाता है। UPSC के एक सदस्य एवं राज्य के मुख्य सचिव मौजूद होकर डीपीसी में अंतिम नामों पर सहमति बनाते हैं। इसके बाद सिफारिश को DoPT भेजा जाता है, जहां अंतिम बैठक के बाद IAS अवॉर्ड सुनिश्चित होता है।