7 साल बाद पीएम मोदी जा सकते हैं चीन, पड़ोसी देश ने जताई गर्मजोशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के तियानजिन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा कर सकते हैं। यह यात्रा सात साल बाद होगी, जब प्रधानमंत्री मोदी चीन की भूमि पर कदम रखेंगे। इस संभावित दौरे को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि वह पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस सम्मेलन को मित्रता और परिणामों से भरपूर मानता है।

20 से ज्यादा देशों के नेता होंगे शामिल

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने जानकारी दी कि इस बार का एससीओ सम्मेलन अब तक का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन होगा। इसमें 20 से अधिक देशों के प्रमुख, एससीओ सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधि और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। यह आयोजन चीन की वैश्विक कूटनीतिक साख को भी मजबूती देगा।

इससे पहले भारत के राजदूत प्रदीप रावत ने चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के महानिदेशक लियू जिनसॉन्ग से मुलाकात की थी। इस बैठक में सीमा, व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग जैसे साझा मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। यह दर्शाता है कि दोनों देश संबंधों को नई दिशा देने के इच्छुक हैं।

जापान दौरे के बाद हो सकती है चीन यात्रा

सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी 29 अगस्त को जापान की यात्रा पर जा सकते हैं। इसके बाद उनका चीन पहुंचना संभावित है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी तक भारत सरकार की ओर से नहीं हुई है। गौरतलब है कि पीएम मोदी आखिरी बार जून 2018 में चीन दौरे पर गए थे, और फिर अक्टूबर 2019 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे। लेकिन इसके बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा तनाव के चलते दोनों देशों के रिश्तों में गहरी दरार आ गई थी।

लद्दाख गतिरोध के बाद रिश्तों की बहाली

मई 2020 में लद्दाख में सैन्य तनाव शुरू हुआ, जिसकी पराकाष्ठा गलवान घाटी की हिंसक झड़प में देखने को मिली। लेकिन अक्टूबर 2024 में डेमचोक और डेपसांग क्षेत्रों से सेनाओं की वापसी के साथ यह गतिरोध आधिकारिक रूप से समाप्त हुआ। इसके बाद दोनों देशों ने सीमा वार्ता (Special Representative Dialogue) और अन्य कूटनीतिक मंचों को फिर से सक्रिय किया।

दोनों देशों में बढ़ रहा संवाद और सहयोग

2024 के अंत में कज़ान, रूस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद कई सकारात्मक कदम उठाए गए। इनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, चीनी पर्यटकों को भारत का वीज़ा, और सीधी उड़ानों की बहाली जैसे अहम निर्णय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी हाल ही में SCO बैठकों के लिए चीन का दौरा कर चुके हैं, जो संबंधों में स्थिरता और संवाद की भावना को दर्शाता है।