कल से शुरू होगा रोग पंचक, 5 दिनों तक इन अशुभ कामों से बचें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक एक ऐसा समय है जो पांच विशेष नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती के मिलन से बनता है। यह अवधि पांच दिनों तक रहती है और इसे अशुभ माना जाता है।

इस दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं, खासकर मांगलिक और नए आरंभ से जुड़े कार्य। पंचक हर महीने एक बार आता है और इसके अलग-अलग वार से शुरू होने पर अलग-अलग नाम रखे गए हैं।

रोग पंचक: रविवार से शुरू होने वाला विशेष पंचक

जब पंचक की शुरुआत रविवार को होती है, तो इसे “रोग पंचक” कहा जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, यह समय शारीरिक और मानसिक तनाव लाने वाला हो सकता है, इसलिए इसे अशुभ अवधि में गिना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों से दूरी बनाए रखना बेहतर होता है।

अगस्त 2025 में रोग पंचक का समय

पंचांग के मुताबिक, 10 अगस्त रविवार की तड़के 2:12 बजे से रोग पंचक की शुरुआत हुई, जो 14 अगस्त गुरुवार रात 9:06 बजे तक चलेगा। इस पांच दिन की अवधि में विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।

पंचक में किन कार्यों से बचना चाहिए

पंचक के दौरान कुछ कार्य करना अशुभ माना जाता है…

  • घर का निर्माण शुरू करना
  • दक्षिण दिशा में यात्रा करना
  • शव का दाह संस्कार
  • लकड़ी इकट्ठा करना या उसका इस्तेमाल
  • विवाह, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश और नया व्यवसाय शुरू करना

पंचक में गृह प्रवेश और शुभ कार्य

गृह प्रवेश आमतौर पर पंचक में वर्जित है, लेकिन कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि विशेष नक्षत्र, खासकर रेवती में, इसे किया जा सकता है। विवाह जैसे कार्य भी रेवती नक्षत्र में संभव हैं, परंतु सामान्य परिस्थितियों में इन्हें टालना ही उचित है।

भूमि पूजन और खरीद-फरोख्त

दिलचस्प बात यह है कि भूमि पूजन को पंचक में भी शुभ माना गया है। हालांकि, सोना, वाहन, लकड़ी, घास-फूस और लोहे के सामान की खरीद इस दौरान वर्जित है। जमीन खरीदने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना जरूरी है। कपड़े और आभूषण जैसी वस्तुएं पंचक में खरीदी जा सकती हैं।

यात्रा और व्यक्तिगत देखभाल पर प्रतिबंध

पंचक में विशेष रूप से दक्षिण दिशा की यात्रा को टालना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। इसी तरह धार्मिक मान्यताओं में इस दौरान बाल कटवाना, नाखून काटना और दाढ़ी बनवाना भी वर्जित है।