कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए फर्जी वोटर लिस्ट के आरोप को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राहुल गांधी से कहा है कि वे अपने दावों और आरोपों को लेकर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें।
वहीं, राहुल गांधी अपने आरोपों पर अडिग हैं और उनका कहना है कि उन्होंने पहले ही संसद में संविधान की शपथ ली है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग इस मुद्दे से जुड़े सबूत छिपा रहा है और फर्जी वोटिंग रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
चुनाव आयोग का कड़ा संदेश: या तो सबूत दो या माफी मांगो
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दो टूक चेतावनी दी है, या तो नियमों के मुताबिक औपचारिक घोषणा पत्र दें, जिसमें अपने आरोपों की पुष्टि करें, या फिर देश से माफी मांगें। आयोग ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले भी राहुल गांधी से उन सभी जानकारियों को साझा करने के लिए कहा गया था, जिनके आधार पर उन्होंने फर्जी वोटर का आरोप लगाया था।
‘पुरानी बोतल में नई शराब’ वाली टिप्पणी
इससे एक दिन पहले, शुक्रवार को भी चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि यह वही पुरानी कहानी है, जिसे नई तरह से पेश किया जा रहा है। आयोग ने तुलना करते हुए इसे “पुरानी बोतल में नई शराब” बताया। ईसी ने कहा कि 2018 में भी तत्कालीन मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसी तरह के आरोप लगाए थे, और अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उसी राग को दोहरा रहे हैं।
2018 के कमलनाथ प्रकरण का जिक्र
चुनाव आयोग ने विस्तार से बताया कि 2018 में कमलनाथ ने एक निजी वेबसाइट से दस्तावेज लेकर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए थे, जिसमें दावा किया गया था कि मतदाता सूची में त्रुटियां हैं और 36 मतदाताओं के चेहरे दोबारा दिखाए गए हैं। हालांकि, आयोग का कहना है कि ये गलतियां चार महीने पहले ही सुधार ली गई थीं और इसकी अद्यतन सूची पार्टी को सौंप दी गई थी। बावजूद इसके, सुप्रीम कोर्ट से मतदाता सूची के सर्चेबल पीडीएफ की मांग की गई, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
2025 में फिर वही आरोप, आयोग का पलटवार
निर्वाचन आयोग ने कहा कि अब 2025 में, यह जानते हुए कि अदालत में यह मामला नहीं टिकेगा, फर्जी वोटर का मुद्दा फिर से उठाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश हो रही है। आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी जिस आदित्य श्रीवास्तव नामक मतदाता का हवाला दे रहे हैं, उसकी त्रुटि पहले ही ठीक की जा चुकी है।
आयोग की दो टूक चेतावनी
चुनाव आयोग ने अंत में दोहराया कि राहुल गांधी को कानून का सम्मान करते हुए या तो शपथ पत्र देकर अपने आरोपों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित करना चाहिए, या फिर बिना सबूत ऐसे आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।