मोहन भागवत ने जताई चिंता, बोले : शिक्षा-स्वास्थ्य अब आम आदमी की पहुंच से दूर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने चिंता जताई कि आज देश में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। इंदौर में माधव सृष्टि के कैंसर केयर सेंटर के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि कभी ये सेवाएं सेवा भाव से की जाती थीं, लेकिन अब इनका व्यावसायीकरण हो गया है, जिससे ये सहज, सुलभ और सस्ती नहीं रह गईं।

शिक्षक और चिकित्सक की सेवा भावना का उदाहरण

भागवत ने अपने बचपन का एक अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वे मलेरिया से पीड़ित थे, तो उनके शिक्षक घर आकर उनकी देखभाल करते थे और औषधियां लाते थे, जबकि यह उनकी जिम्मेदारी में शामिल नहीं था। इसी तरह पहले डॉक्टर बिना बुलाए मरीजों की सेवा के लिए पहुंच जाते थे। आज चिकित्सा और शिक्षा दोनों में लाभ-हानि का हिसाब अधिक हो गया है, जबकि समाज को ऐसी सेवाओं की आवश्यकता है जो आसान और सुलभ हों।

सामाजिक सद्भाव और पंच परिवर्तन

इंदौर-उज्जैन संभाग के 180 समाज प्रमुखों से संवाद के दौरान भागवत ने संघ के शताब्दी वर्ष (2 अक्टूबर) के अवसर पर ‘पंच परिवर्तन’ के लक्ष्यों पर चर्चा की। इसमें स्वदेशी को बढ़ावा, नागरिक कर्तव्यों का पालन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और परिवार प्रबोधन शामिल हैं। इसके तहत बस्तियों और गांवों में पथ संचलन, घर-घर संपर्क, सद्भाव मिलन और प्रभावी लोगों की बैठकों जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।

जनभागीदारी से बन रहा कैंसर केयर सेंटर

इंदौर में 96 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर केयर हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है, जो दो चरणों में तैयार होगा। पहले चरण में 26 करोड़ रुपये से दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और तीन मंजिलों का निर्माण पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में हाईटेक मशीनें और अतिरिक्त फ्लोर जोड़े जाएंगे। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह जनभागीदारी से बन रहा है, जिसमें कंपनियों ने CSR के तहत और अन्य दानदाताओं ने योगदान दिया है।

इस साल की इंदौर यात्राएं

डॉ. मोहन भागवत 2025 में अब तक कई बार इंदौर आ चुके हैं। 3 जनवरी को वे ‘स्वर शतकम’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने की बात कही। 13 जनवरी को उन्होंने रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया और कहा कि रोजगार व खुशहाली का मार्ग भी राम मंदिर से होकर गुजरता है।