पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर का बड़ा बयान, सनातन बेटियों को जागृत करने की मुहिम पर समर्थन, धर्मांतरण रोकना हर नागरिक का कर्तव्य

पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने एक बयान में कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए विशेष रूप से सनातन धर्म की बेटियों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने युवतियों से आह्वान किया कि वे दुर्गा और काली की तरह सशक्त बनें, बुर्के में कैद जीवन से दूर रहें और अपने आत्मसम्मान की रक्षा करें।

धर्मांतरण रोकना जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य

ऊषा ठाकुर ने कहा कि धर्मांतरण रोकना हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है, और धीरेन्द्र शास्त्री इस दायित्व को पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में हर व्यक्ति को इस दिशा में जागरूक रहना चाहिए ताकि हमारी परंपराएं और संस्कृति सुरक्षित रह सके।

मुस्लिम महिलाओं को दिया संदेश

उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से कहा कि अगर वे अपने बेटों और पतियों पर उचित निगरानी रखें, तो लव जिहाद जैसे मामलों की घटनाएं समाप्त हो सकती हैं। ठाकुर के अनुसार, मुस्लिम मातृशक्ति को इस विषय में दृढ़ संकल्प लेना चाहिए ताकि समाज में आपसी सम्मान और सौहार्द बना रहे।

तीन तलाक पर मोदी सरकार की पहल का जिक्र

अपने संबोधन में ऊषा ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र नायक बताते हुए कहा कि उन्होंने तीन तलाक की प्रथा को खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दिलाया। इसके साथ ही, उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से यह भी अपेक्षा की कि वे अपने परिवार के पुरुषों को ऐसे अपराधों से दूर रखें और यदि कोई इसमें शामिल हो, तो उसे न केवल कानून बल्कि समाज के स्तर पर भी दंडित करें।

लव जिहाद जैसे अपराधों के खिलाफ सख्ती पर जोर

ठाकुर ने कहा कि लव जिहाद जैसे घृणित अपराधों में शामिल लोगों को सरकार, कानून और मुस्लिम समाज की मातृशक्ति — तीनों को मिलकर दंड देना चाहिए। तभी ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सकता है और महिलाएं अपने वास्तविक सम्मान को प्राप्त कर सकती हैं।

कांग्रेस और बीजेपी पर टिप्पणी

राजनीतिक दृष्टि से उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने मुस्लिम समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और उन्हें प्रगति के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके विपरीत, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को एक ऐसी पार्टी बताया जिसने लोक कल्याणकारी योजनाएं बनाई, जिनका लाभ हिंदू, मुस्लिम, सिख और सभी समुदायों को समान रूप से मिला।