राजनैतिक पार्टियों की मनमानी पर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। जिसके चलते केंद्रीय चुनाव आयोग ने लंबे समय से निष्क्रिय पड़े राजनीतिक दलों पर नकेल कसना शूरू कर दी है। जिसके चलते प्रदेश के 15 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी गई तो 23 को नोटिस भेजने की तैयारी है।
6 सालों से नहीं लड़ा था कोई चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने लंबे समय से निष्क्रिय पड़े राजनीतिक दलों पर सख्ती की है। मध्यप्रदेश के 15 राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही 23 को नोटिस भेजने की तैयारी हो गई है। जिनके जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर इन 23 दलों की भी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। दरअसल, ये ऐसे दल हैं जो प्रदेश में 6 सालों से कोई भी चुनाव नहीं लड़े। हालांकि 23 दलों को अंतिम मौका मिलेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इनको तलब किया है।
प्रदेश में 111 दल थे, अब 73 ही बचेंगे
प्रदेश में कुल 111 राजनीतिक दल पंजीकृत हैं। लेकिन 15 की मान्यता पहले रद्द होने और 23 पर सख्ती के बाद सिर्फ 73 राजनीति दल ही बचेंगे। बता दें, आयोग द्वारा यह कार्रवाई देशव्यापी की जा रही है। पहले चरण में देशभर से 334 राजनीतिक दलों की मान्यता इसी साल 9 अगस्त को खत्म की गई। अब दूसरे चरण में 476 राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म करने की कार्रवाई सोमवार से शुरू हो गई है।
पंजीकृत दलों को मिलती है विशेष छूट
राजनीतिकदल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आयोग में पंजीकृत दल को कुछ विशेषाधिकार और कर छूट जैसे लाभ मिलते हैं। लेकिन आयोग के दिशा-निर्देश हैं कि यदि पार्टी 6 साल तक लगातार कोई चुनाव नहीं लड़ती तो चुनाव को पारदर्शी बनाने आयोग अभियान चलाकर ऐसे उन्हें हटा देती है।
देशभर के 334 दलों की मान्यता हो चुकी है रद्द
मध्य प्रदेश में वर्तमान में 111 राजनीतिक दल पंजीकृत हैं। लेकिन, 15 दलों की मान्यता रद्द होने और 23 दलों पर कार्रवाई के बाद यह संख्या घटकर 73 रह जाएगी। यह कदम आयोग के देशव्यापी अभियान का हिस्सा है। इससे पहले, पहले चरण में 9 अगस्त को देशभर के 334 राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म की जा चुकी है। अब दूसरे चरण में सोमवार से 476 अन्य दलों की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।