मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 15 अगस्त को मध्यप्रदेश पुलिस की नई एकीकृत आपातकालीन सेवा डायल-112 का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा, जिसमें पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
डायल-100 से डायल-112 की ओर
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेडियो/दूरसंचार) संजीव शमी ने बताया कि यह सेवा डायल-100 की सफल परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, अधिक उन्नत, एकीकृत और बहु-एजेंसी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के रूप में शुरू की जा रही है।
अब नागरिक केवल 112 डायल करके पुलिस (100), स्वास्थ्य/एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं बाल हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
नई डायल-112 की खासियतें
नई प्रणाली में आधुनिक तकनीक और बेहतर सेवा प्रबंधन के लिए कई फीचर्स शामिल किए गए हैं –
- 100 एजेंट क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट होगा।
- PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन, जिससे कॉल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
- उन्नत बिजनेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स।
- कॉलर और FRV के बीच नंबर मास्किंग, जिससे गोपनीयता बनी रहे।
- FRV के रखरखाव की निगरानी के लिए फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर।
- चैटबॉट और नॉन-वॉयस कम्युनिकेशन से शिकायत दर्ज और ट्रैकिंग की सुविधा।
- नागरिकों और पुलिस कर्मियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स।
- HRMS सॉफ्टवेयर और बायोमेट्रिक अटेंडेंस।
- FRVs में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा से पारदर्शिता।
मध्यप्रदेश में डायल-100 का सफर
1 नवंबर 2015 को शुरू हुई डायल-100 भारत की पहली केंद्रीकृत और राज्यव्यापी पुलिस आपातकालीन सेवा थी। इसने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में GPS-सक्षम वाहनों और लोकेशन बेस्ड सिस्टम के जरिए त्वरित सहायता उपलब्ध कराई। भोपाल स्थित सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इसे संचालित किया गया और कॉल प्राप्त होते ही निकटतम फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल (FRV) को रवाना किया जाता था। डायल-100 में 1,000 चार-पहिया FRV और 150 दो-पहिया यूनिट्स को MDT और मोबाइल फोन से लैस किया गया था।
पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियां
जून 2025 तक डायल-100 ने 8 करोड़ 99 लाख 04 हजार 390 कॉल प्राप्त कीं, जिनमें से 2 करोड़ 07 लाख 91 हजार 177 कार्यवाही योग्य थीं। इनमें 1 करोड़ 97 लाख 02 हजार 536 मामलों में सीधी मदद प्रदान की गई।
इनमें प्रमुख उपलब्धियां-
- वरिष्ठ नागरिकों को सहायता – 2,23,288 मामले
- महिला सुरक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया – 19,71,396 मामले
- परित्यक्त नवजात शिशुओं का बचाव – 1,300 मामले
- सड़क दुर्घटनाओं में सहायता – 12,48,621 मामले
- लापता बच्चों की खोज – 27,112 मामले
- आत्महत्या व अवसाद से जुड़े मामलों में समय पर मदद – 2,64,347 मामले
डायल-112
डायल-112 का उद्देश्य नागरिकों को एक ही नंबर से बहु-सेवा आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराना है। यह न केवल समय और संसाधन बचाएगा, बल्कि आपातकालीन प्रतिक्रिया को और तेज, सुरक्षित और प्रभावी बनाएगा।
इससे मध्यप्रदेश पुलिस का जन-सुरक्षा के प्रति संकल्प और मजबूत होगा, और नागरिकों को एकीकृत, स्मार्ट और विश्वस्तरीय आपातकालीन सेवा का लाभ मिलेगा।