इंदौर को डायबिटीज और मोटापे से मुक्त करने के लिए ऐतिहासिक स्वास्थ्य अभियान ‘इंदौर जिद्दी है’ का शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सहित कई जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इंदौर ने एक बार फिर पूरे देश को राह दिखाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस बार स्वच्छता नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंदौर नई उपलब्धि हासिल करने वाला है। इसी के चलते शहर को डायबिटीज और मोटापे से मुक्त करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक जनस्वास्थ्य अभियान की शुरुआत की गई है।
यह अभियान हेल्थ ऑफ भारत फाउंडेशन के अंतर्गत प्रारंभ हुआ है, जिसमें शहर के डॉक्टर्स, जनप्रतिनिधि और समाज के प्रबुद्ध नागरिक मिलकर काम कर रहे हैं। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला मुख्य अतिथि रहे। उनके साथ कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, हेल्थ ऑफ भारत के प्रेसिडेंट डॉ. अरुण अग्रवाल एवं सेक्रेट्री डॉ विनीता कोठारी मंच पर मौजूद थे।
“बीमार ही ना पड़ने दिया जाए” – डिप्टी सीएम शुक्ला
राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि “अगर किसी को बीमार ही न पड़ने दिया जाए, तो इससे बेहतर सोच और कुछ नहीं हो सकती।” उन्होंने इसे देशभर के लिए एक प्रेरणास्पद मॉडल बताया। मंत्री शुक्ला ने कहा कि इंदौर सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रीवेंटिव हेल्थ केयर के क्षेत्र में इंस्पिरेशन बन गया है।
कैलाश विजयवर्गीय: “स्वच्छता के बाद अब स्वास्थ्य की बारी”
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर ने स्वच्छता में अद्भुत क्रांति की है और अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अद्भुत नवाचार किए है। विजयवर्गीय ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए घर पर बने खाने को प्राथमिकता देना चाहिए।
सांसद शंकर लालवानी: “इंदौर जिद्दी है – अब स्वास्थ्य के लिए”
सांसद शंकर लालवानी ने कहा, “हमने इंदौर को लगातार आठ वर्षों से स्वच्छ बनाए रखा क्योंकि हमने ठान लिया था हम जिद्दी हैं। अब वही जिद हम स्वास्थ्य के लिए दिखाएंगे। यह अभियान पीएम मोदी जी के फिट इंडिया और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर विजन से प्रेरित है।
4 लाख लोगों की स्क्रीनिंग
वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. अरुण अग्रवाल ने बताया कि डायबिटीज और मोटापा कई गंभीर बीमारियों की वजह बनता है इसलिए इस पर काम करना बेहद जरुरी है। डॉक्टर विनीता कोठारी, जो पूर्व स्क्रीनिंग प्रोग्राम का नेतृत्व कर चुकी हैं, ने बताया कि इस बार जांच में बॉडी कंपोज़िशन एनालाइज़र मशीन के माध्यम से आंतरिक चर्बी (Visceral Fat) की भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि हम प्री-डायबिटीज स्टेज में ही पहचान कर लें, तो जीवनभर की बीमारी को रोका जा सकता है।
“अब स्वास्थ्य में भी नंबर वन बनना है”-महापौर पुष्यमित्र भार्गव
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “हम स्वच्छता में नंबर वन हैं। अब हमें स्वास्थ्य में भी नंबर वन बनना है। इसके लिए हम संजीवनी क्लिनिक और निगम स्तर पर पूरे समर्थन के साथ काम करेंगे।” कार्यक्रम समन्वयक गोपाल गोयल ने इसे जन-आंदोलन करार देते हुए नागरिकों से इसमें जुड़ने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन डॉ संजय लोंढे ने किया।
कार्यक्रम में डॉक्टर भारत साबू, डॉक्टर संदीप जुल्का, डॉक्टर भरत रावत, हेल्थ ऑफ भारत फाउंडेशन से जुड़े नितीन अग्रवाल, पंकज अग्रवाल समेत गणमान्य नागरिक मौजूद थे।