पूरे देश में जन्माष्टमी की धूम मचने वाली है जिसकों लेकर पूरे प्रदेश में स्थित कृष्ण मंदिरों में विशेष तैयारियां की जा रही है। इसी के चलते हम आज आपकों बता रहे है ग्वालियर के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर की विशेषता जहां जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधा-कृष्ण का श्रृंगार 100 करोड़ रुपये के गहनों से किया जाएगा। यह गहने सिंधिया रियासत के समय के हैं और इनमें सोना, हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्न जड़े हुए हैं।
बेशकीमती रत्न है एंटिक
इस गोपाल मंदिर की स्थापना करीब 103 साल पहले सिंधिया घराने ने ही कराई थी। यह बेशकीमती रत्न जड़े गहने भी सिंधिया घराने की देन हैं। जब राधा-कृष्ण इन गहनों को पहनते हैं तो उनकी सज्जा सभी को मोहित कर देने वाली होती है।
जन्माष्टमी पर प्राचीन गोपाल मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण 100 करोड़ गहनों से श्रृंगार करते हैं। सिंधिया रियासत के समय के इन गहनों में सोना, हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्न जड़े हैं। यह गहने एंटिक हैं। इन्हें साल भर बैंक के लॉकर में विशेष सुरक्षा में रखा जाता है। जन्माष्टमी की सुबह उनको कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से निकालकर लाया जाता है। जिसके बाद गहनों और उनमें जड़े रत्नों की गणना करने के बाद भगवान राधा-कृष्ण को यह पहनाए जाते हैं।
कोषालय से आते है गहने
यह गहने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोषालय से निकाले जाते है। महापौर निगम आयुक्त सहित प्रशासनिक अधिकारी महाआरती में शामिल होंते है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की नगर में तैयारियां गुरुवार से शुरू हो गईं हैं। श्री सनातन धर्म मंडल, जिला कोर्ट के पुराने भवन व सदर बाजार स्थित गिर्राजधरण मंदिर के साथ-साथ फालका बाजार स्थित श्रीराम मंदिर, विष्णु मंदिर जनकगंज स्थित श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर व किलागेट पर स्थित जानकी वल्लभ मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर आकर्षक विद्युत सज्जा की जा रही है।
माखन मिश्री का लगेगा भोग
इसके साथ ही मंदिरों भगवान के विग्रह का दूध-दही, घी, शहद, शक्कर से पंचामृत अभिषेक होगा और माखन मिश्री का भोग लगेगा। भगवान श्री चक्रधर एवं श्री गिर्राजधरण को 200 किलोग्राम मक्खन एवं 40 प्रतिशत मिश्री के मिश्रण से 12000 कुलिया तैयार की जाएंगी। भगवान श्री चक्रधर एवं श्री गिर्राजधरण के लिए वृंदावन से भव्य पोशाक तैयार कराई जा रही है, साथ ही भगवान का माला मुकुट एवं श्रृंगार वृंदावन से ही लाया जाएगा।
ध्रुव योग में मनेगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जन्माष्टमी हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अर्धरात्रि को अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।