MP में मीसाबंदी ने नहीं लिया स्वतंत्रता दिवस पर मंत्री इंदरसिंह से सम्मान, रिश्वतखोरी पर जताई नाराजगी

प्रदेश में रिश्वतखोरी चरम पर पहुंच गई है। सरकारी कार्यालयों में बिना रिश्वत के एक कागज भी नहीं खसकता है ऐसा ही एक मामलें से नाराज मीसाबंदी ने अपनी नाराजगी स्वतंत्रता समारोह कार्यक्रम में मंत्री के हाथों से सम्मान लेकर जताई। इस घटना ने पूरे देश में सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों की मनमानी इसतरह चरम पर है कि वह देश के लिए अपना जीवन दांव पर लगाने वाले लोगों को भी नहीं बख्शते है। मामले के अनुसार दमोह में एक चौंका देने वाला सामने आया जिसके अनुसार 84 वर्षीय मीसाबंदी संतोष भारती ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से सम्मान लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने सम्मान के बदले न्याय की मांग की।

अधिकारी ने मांगी थी 5 हजार रिश्वत
मीसाबंदी संतोष भारती का कहना है कि 40 साल पहले उन्होंने हाउसिंग बोर्ड से जमीन खरीदी थी, लेकिन 5 हजार रुपये की रिश्वत नहीं देने के कारण आज तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई है। इस मामले में जब मंत्री इंदर सिह से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता उन्होंने ऐसा क्यों किया और उसके बाद चुप्पी साध ली।

ऐसा है मामला
दमोह शहर के तहसील मैदान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार से दमोह के मीसाबंदी संतोष भारती ने सम्मान लेने से मना कर दिया और वह वापस चले गए। मंत्री के साथ मौजूद दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने भी भारती को काफी मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। भारती ने मंत्री परमार को एक आवेदन दिया और अपना गुस्सा भी जाहिर किया और बगैर सम्मान कराए वहां से चले गए। इस बारे में मीसाबंदी संतोष भारती से सम्मान न करवाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा वह सम्मान के नहीं न्याय के भूखे हैं।

ज्ञापन देने गया था सम्मान लेने नहीं
दमोह के निवासी मीसाबंदी संतोष भारती ने कहा कि मैं वहां सम्मान लेने के लिए नहीं गया था। मैंने कभी किसी मंच पर जाकर सम्मान नहीं लिया। आज मेरे जाने का मकसद ज्ञापन देने जाना था, न्याय पाने गया था। मैं देश का पहला इकलौता ऐसा व्यक्ति हूं जो तीन बार मीसाबंदी रहकर जेल गया। 40 साल पहले मैंने हाउसिंग बोर्ड से जमीन खरीदी थी।

20 साल से है भाजपा की सरकार
मैंने 5 हजार की रिश्वत अधिकारी को नहीं दी तो आज तक उसकी रजिस्ट्री हाउसिंग बोर्ड नहीं कर रहा। मेने मध्य प्रदेश शासन से और हाई कोर्ट से केस जीता उसके बाद भी मेरी रजिस्ट्री नहीं हो रही। पहले कांग्रेस का शासन था तो लोग शासन बदलने की बात करते थे। अब 20 साल से भाजपा की सरकार है, लेकिन मुझे आज भी न्याय नहीं मिल रहा है।

मंत्री इंदर सिहं ने झाड़ा पल्ला
मीसाबंदी संतोष भारती का कहना है कि मैं सम्मान का भूखा नहीं हूं राजनीति कोई धंधा नहीं है। हम मूल्यों की राजनीति करते हैं। मंत्री की चुप्पी पर भारती ने कहा कि मैंने उनसे बात की थी और मैंने उन्हें ज्ञापन दिया। यदि वह कह रहे हैं कि मुझे कोई ज्ञापन नहीं दिया तो वह सफेद झूठ बोल रहे हैं। इतना ही नहीं हजारों पात्र संग अपात्र मीसाबंदियों को ताम्रपत्र जारी हो चुके हैं, लेकिन इस पत्र लेखक को नहीं। क्योंकि, मैंने जिला एवं पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय तक मामले चला रखे हैं।