MP Tourism : इंदौर के लालबाग पैलेस में राज करता था ये परिवार, जानें यहां का इतिहास

MP Tourism : देश दुनिया में मध्यप्रदेश अपनी सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ धर्म के लिए भी बहुत विख्यात है। इन्हें देखने के लिए लाखों पर्यटक हर साल यहाँ घूमने आते है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ही प्रदेश में स्थित मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जो अपनी खूबसूरती के साथ धार्मिक मान्यताओं के लिए भी जाना जाता है। वहीं इंदौर के लाल बाग पैलेस शहर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इस स्थल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां की वास्तुकला भी देखने लायक है।

खास बात यह है कि लालबाग में मेले का आयोजन भी किया जाता है। जिस वजह से यहां पर पर्यटकों की काफी ज्यादा भीड़ अक्सर देखने को मिलती है। रोजाना यहां करीब 300 से 500 पर्यटक आते हैं। लेकिन यहां गाइड नहीं है जिस वजह से लोगों को यहां के बारे में जानने में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि अब पर्यटक लालबाग पैलेस का इतिहास अपने मोबाइल पर सुन सकेंगे।

Also Read – Mandi Bhav: मंडी में गेहूं में मंदी, डॉलर चना के दाम में हुई बढ़ोत्तरी, देखें आज का लेटेस्ट रेट

अगर आप भी इंदौर आए हुए है और लाल बैग पैलेस जाने की सोच रहे हैं तो आप यहां आसानी से जा सकते हैं। ये शहर के बीचों बीच स्थित हैं। आप यहां ऑटो, टैक्सी, टू व्हीलर, कार, बस कैसे भी जा सकते हैं।

अच्छी बात ये हैं कि अब इंदौर के लालबाग में इतिहास गूंजेगा। पर्यटन विभाग ने इसके लिए सागो एप से दो माह पहले अनुबंध किया था। जो मुफ्त में ऑडियो गाइड की सुविधा पर्यटन स्थलों पर दे रहा है। अब इसका ट्रायल पूरा हो गया है। पर्यटक अब सिर्फ एक एप डाउनलोड कर पैलेस के क्यूआर कोड को स्कैन कर के यहां के बारे में सब कुछ जान सकेंगे। पैलेस से जुड़ा इतिहास तथ्यों के साथ शामिल है।

होल्कर शासनकाल में बने लाल बाग पैलेस का रख रखाव आज भी पुरातत्व विभाग करता है। ये पैलेस बेहद सुंदर हैं। इसे करीब 36 लाख रूपये में बना कर तैयार किया गया था। लालबाग पैलेस का निर्माण वर्ष 1886 में शुरू हुआ था। उस वक्त होलकर शासन काल था। लंदन की प्रसिद्ध फर्म मेसर्स वारिंग एंड गिलोज ने इस पैलेस को बना कर तैयार किया था। इस पैलेस में राज परिवार रहा करता था। पैलेस में शयन कक्ष, भोजन कक्ष, पार्टी हाॅल हैं। ये पैलेस चार एकड़ में बना हुआ है। यहां कैमरा ले जाने के लिए पर्यटकों को पैसे देना पड़ते हैं।