ए.के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस में अपनी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया, BBC की डाक्यूमेंट्री पर ट्वीटर से अपना ट्वीट वापस लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा था।
BBC डाक्यूमेंट्री ट्वीट विवाद के बाद कांग्रेस के नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया, इस्तीफा इसीलिए दिया गया क्योंकि उन्हें ट्विटर से अपना ट्वीट वापस लेने को कहा गया जिससे वह असहमत थे। वह BBC की ओर से पीएम मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का विरोध कह रहे थे। अनिल ने ट्विटर पर कहा थी की उन्होंने कांग्रेस से अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है । उन पर एक ट्वीट को वापस लेने के असहिष्णुता से दबाव बनाया जा रहा था, वह भी उनकी तरफ से जो अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़े होने की बात करते हैं और उन्होंने मना कर दिया।
यही नही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को देख रहे छात्रों पर मंगलवार देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया इस बात का पता अभी तक नहीं चल पाया है । इसी बात का फायदा उठाकर हमलावर वहां से पथराव करके भाग निकले। इससे पहले छात्र संघ की बिजली और इंटरनेट सेवाओं को मंगलवार की रात बंद कर दिया गया था जैसे देर रात बहाल कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि JNU के कुछ स्टूडेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले थे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रशासन ने स्टूडेंट्स को इस डॉक्यूमेंट्री को देखने से मना किया था तो छात्र-छात्राएं नहीं माने और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री देखने की जिद पकड़ ली थी । JNU की स्टूडेंट यूनियन अध्यक्ष आईसी घोष ने छात्रों के मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री डाउनलोड करने के लिए क्यूआर कोड शेयर किया था । जिस पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाने वाली थी।
अनिल एंटनी का कहना है कि ब्रिटिश प्रसारक BBC विचारों को भारतीय संस्थानों पर तरजीह देना देश की संप्रभुता को कमजोर बनाना होगा । अनिल एंटिनी ने टि्वटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव के विचारों को जो लोग समर्थन कर रहे हैं वह भारतीय संस्थानों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकते हैं क्योंकि इराक युद्ध के पीछे भी जेके गैस्ट्रो का ही दिमाग था । उन्होंने कहा कि भलेह ही हमारा भाजपा ले साथ बड़े मतभेद है पर उसेक बावजूद इससे हमारी देश की संप्रभुता कमजोर होगी।
राहुल गाँधी का कहना है कीदोचुमेंट्री डॉक्यूमेंट्री को बेन करना गलत है,उन्होंने कहा की अगर अपने हमरे शास्त्रों और वेदों को पड़ा है तो आपको पता ही होगा की सच बहार आ ही जाता है । आप उसे छुपा नही सकते है। आप मीडिया को दबा सकते है आप संस्थानों को कंट्रोल कर सकते हैं, आप CBI, ID और सभी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, सच तो सच होता है कितना भी छुपाओ बहार आ ही जाता है ।
BBC ने 17 जनवरी को ‘द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज किया जाना था पर इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव को प्रकाशित करती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों के बारे में बताती है । बता दें कि गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देदी दी थी। भारत सरकार ने BBC द्वारा बनाई गई गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा बताया जा रहा है । इस मंत्रालय की प्रवक्ता एडिंग बागची का कहना है कि वह नहीं जानते कि इस डॉक्यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है लेकिन यह पूरी तरीके से निष्पक्ष है यह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है ।