मध्यप्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के अवकाश नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रदेश के सभी अधिकारी-कर्मचारी केंद्र सरकार की तरह ही छुट्टियों का लाभ ले सकेंगे। इस फैसले को 19 अगस्त 2025, मंगलवार को हुई मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। राज्य सरकार का कहना है कि इन बदलावों से कर्मचारियों को पारिवारिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को निभाने में आसानी होगी।
महिला अधिकारियों के लिए प्रसूति और सरोगेसी अवकाश
नई व्यवस्था के तहत महिला कर्मचारियों को मातृत्व संबंधी सुविधाएं पहले से बेहतर मिलेंगी। अभी तक उन्हें केवल 6 महीने का मैटरनिटी लीव मिलता था। लेकिन अब उन्हें प्रसूति (Maternity) और सरोगेसी दोनों ही परिस्थितियों में छुट्टियों का अधिकार होगा। इससे महिला कर्मचारियों को मातृत्व काल में शारीरिक और मानसिक रूप से संतुलन बनाने में सहूलियत मिलेगी। यह बदलाव महिलाओं की कार्यक्षमता और परिवार दोनों के लिए सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
पुरुष अधिकारियों के लिए पितृत्व अवकाश
प्रदेश सरकार ने पुरुष कर्मचारियों के लिए भी बड़ा कदम उठाया है। अब सभी पुरुष अधिकारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) दिया जाएगा। इस अवकाश का उद्देश्य यह है कि बच्चे के जन्म के शुरुआती दिनों में पिता भी माँ और शिशु की देखभाल में सक्रिय रूप से शामिल हो सकें। इससे पारिवारिक ज़िम्मेदारियों का बोझ केवल महिलाओं पर नहीं रहेगा, बल्कि पुरुष भी बराबरी से हिस्सा निभा पाएंगे।
सिंगल पेरेंट्स के लिए राहत
नई नीति में उन अभिभावकों का भी ध्यान रखा गया है जो सिंगल पेरेंट्स (Single Parents) हैं। ऐसे माता-पिता, चाहे वे पुरुष हों या महिला, दोनों को विशेष अवकाश की सुविधा मिलेगी। इसका सीधा फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। इससे उन्हें काम और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में बड़ी राहत मिलेगी।
दिव्यांग अधिकारियों के लिए विशेष सुविधा
सरकार ने दिव्यांग (Disabled) कर्मचारियों को लेकर भी विशेष छूट दी है। यदि किसी कारणवश दिव्यांग कर्मचारी समय पर अवकाश के लिए आवेदन नहीं कर पाता है, तो उसे बाद में भी छुट्टी की मंजूरी मिल सकेगी। यह प्रावधान दिव्यांग कर्मचारियों की सुविधाओं और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि उन्हें किसी तरह की अतिरिक्त परेशानी का सामना न करना पड़े।