सिविल सेवा कर्मचारियों को मिलेगा केन्द्र सरकार की तर्ज पर अवकाश,मोहन कैबिनेट में कई अहम फैंसले

मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। जिसमें प्रदेश के भोपाल जिले में 371.95 करोड़ की लागत से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही गीता भवन, वेलनेस सेंटर और आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना होगी। मुरैना की बंद शुगर मिल को आधुनिक बनाने का निर्णय भी लिया गया। इसके साथ ही कर्मचारियों के हित में निर्णय लेते हुए सिविल सेवा कर्मचारियों के अवकाश नियमों को भारत सरकार के अनुरूप किया जाएगा। सेरोगेसी से बच्चे होने पर मातृत्व अवकाश देने की पात्रता को भी स्वीकृत किया है।

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी
मध्य प्रदेश सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में 371.95 करोड़ रुपये की लागत से भोपाल के बैरसिया क्षेत्र स्थित ग्राम बांदीखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMCS 2.0) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

 210 एकड़ जमीन पर विकसित होगा
यह क्लस्टर 210.21 एकड़ भूमि पर स्थापित होगा और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

पांच आयुर्वेदिक कॉलेज खुलेगे
कैबिनेट ने भाजपा के संकल्प पत्र के अनुसार पांच आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर खोलने के निर्णय लिए है। इसके साथ ही गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में इंडोक्राइनोलॉजी विभाग की स्थापना और 20 नवीन पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है।

12 माह मिलेगी छात्रवृत्ति
आदिवासी छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले जनजातीय बालक-बालिकाओं को अब 12 माह की छात्रवृत्ति मिलेगी, जबकि पहले यह केवल 10 माह तक सीमित थी। सिविल सेवा कर्मचारियों के अवकाश नियमों को भारत सरकार के अनुरूप किया जाएगा। सेरोगेसी से बच्चे होने पर मातृत्व अवकाश देने की पात्रता भी स्वीकृत की गई।

साहित्य पढ़ने के लिए बनेगे गीताभवन
समाज में पठन-पाठन और साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने “गीता भवन” योजना को मंजूरी दी है। अगले पांच वर्षों में प्रत्येक नगरीय निकाय में गीता भवन स्थापित किए जाएंगे।

बंद पड़ी शुगर मिल होगी शुरू
कैबिनेट ने मुरैना की बंद शुगर मिल को आधुनिक मिल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। यदि यह संभव नहीं होता तो वहां MSME उद्योगों की स्थापना की जाएगी। साथ ही मजदूरों को बकाया 54.81 करोड़ रुपये की राशि भी दी जाएगी।